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सांप के काटने से बिगड़ी हालत, 8 घंटे बाद पहुंचा अस्पताल, इलाज से बची जान खुंटपानी के विजय सिंह पुरती को मिला समय पर इलाज, प्रखंड प्रमुख ने निभाई अहम भूमिका

न्यूज़ लहर संवाददाता
चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले के खुंटपानी प्रखंड अंतर्गत गांव गालुबासा में मंगलवार की रात करीब 11 बजे विजय सिंह पुरती को चिति सांप ने काट लिया। शुरूआत में उन्हें यह एहसास तक नहीं हुआ कि उन्हें सांप ने काटा है। पत्नी द्वारा डॉक्टर के पास चलने की सलाह देने पर उन्होंने मना कर दिया और कहा कि उन्हें कुछ नहीं हुआ है। इसके बाद वे सो गए।

सुबह करीब 6 बजे उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी, जिसके बाद परिजन घबरा गए और तुरंत उन्हें सदर अस्पताल चाईबासा लाया गया। लगभग 8 घंटे देरी से इलाज मिलने के कारण स्थिति गंभीर हो गई थी। डॉक्टरों ने त्वरित निर्णय लेते हुए उन्हें एंटी-वेनम (सांप काटने की दवा) दी, लेकिन हालत बेहद नाजुक बनी रही।

हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने विजय सिंह को जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया, परंतु परिवार के पास 4500 रुपये किराया न होने के कारण वे प्राइवेट एम्बुलेंस से उन्हें नहीं ले जा सके। इस बीच, परिजनों ने प्रखंड प्रमुख सिद्धार्थ होनहागा से आर्थिक मदद की गुहार लगाई।

प्रखंड प्रमुख ने तत्काल स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सदर अस्पताल पहुंचकर मरीज का हालचाल लिया और जिला चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शिवचरण हांसदा से फोन पर बातचीत कर आग्रह किया कि मरीज को सदर अस्पताल में ही विशेष निगरानी में रखा जाए, क्योंकि रास्ते में उनकी जान को खतरा था। डॉक्टरों ने परामर्श के बाद मरीज का इलाज यहीं जारी रखा।

लगातार दो दिनों के इलाज और डॉक्टर-नर्स की मेहनत से विजय सिंह पुरती अब पूरी तरह स्वस्थ हैं और बेहतर महसूस कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि समय पर इलाज और उचित देखभाल से बड़ी से बड़ी आपदा को भी टाला जा सकता है।

प्रखंड प्रमुख सिद्धार्थ होनहागा ने कहा कि यदि किसी को भी सांप काट ले, तो झाड़-फूंक या ओझा-गुनी के चक्कर में न पड़ें, तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाकर इलाज कराएं। उन्होंने विजय सिंह की हिम्मत और डॉक्टरों की तत्परता की सराहना करते हुए सभी को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा “जाको राखे साइयाँ, मार सके न कोय,” विजय सिंह ने हिम्मत नहीं हारी, और यही उनकी जान बचा गई।

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