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डीएवी बिष्टुपुर में तीन दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला सम्पन्न, 387 शिक्षक हुए शामिल* 

 

 

जमशेदपुर: डीएवी बिष्टुपुर में आयोजित तीन दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला का सफल समापन हो गया। कार्यशाला के अंतिम दिन विद्यालय की प्राचार्या प्रज्ञा सिंह ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि सीखना एक सतत प्रक्रिया है और यह शिक्षण पद्धति का अभिन्न हिस्सा है।

 

यह कार्यशाला डीएवी स्कूल्स, जोन-ई के आठ विद्यालयों में डीएवी सिजुआ, जामाडोबा, सीएफआरआई, चाईबासा, बरोरा, नोवामुंडी, महुदा और मेजबान विद्यालय डीएवी बिष्टुपुर के शिक्षकों के लिए आयोजित की गई थी। इसमें प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के कुल 387 शिक्षक शामिल हुए। विषयों में हिन्दी, अंग्रेज़ी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, कंप्यूटर साइंस, संगीत, वाणिज्य, व्यायाम शिक्षा एवं कला शामिल थे।

 

कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों की शैक्षिक गुणवत्ता और रचनात्मक क्षमता को बढ़ावा देना था। प्रशिक्षकों ने आधुनिक शिक्षण पद्धतियों के अनुरूप मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों, परियोजना-आधारित शिक्षण और गतिविधि आधारित शिक्षा के तरीकों को साझा किया, जिससे शिक्षण को अधिक प्रभावशाली और रोचक बनाया जा सके।

 

कार्यशाला में छात्रों के मानसिक तनाव को लेकर भी गहन चर्चा हुई। यह माना गया कि सिर्फ अच्छे अंक प्राप्त करना ही लक्ष्य नहीं होना चाहिए, बल्कि जीवन में आने वाली चुनौतियों और तनाव से निपटने की तैयारी भी ज़रूरी है। इस दिशा में शिक्षकों ने परीक्षा की रणनीति, तनाव प्रबंधन, योग, ध्यान, खेलकूद और संतुलित आहार को भी शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनाने पर जोर दिया।

 

कार्यशाला के सफल समापन पर सभी प्रतिभागियों ने इसे अत्यंत उपयोगी बताते हुए भविष्य में भी ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की निरंतरता की अपेक्षा जताई। विद्यालय प्रबंधन ने इसे शिक्षक-शिक्षा के क्षेत्र में एक सार्थक पहल बताया।

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