उग्र हाथी ने ली मुंगडू नायक की जान, बंगाल से विशेषज्ञ टीम पहुंची किरीबुरु

चाईबासा।पश्चिम सिंहभूम स्थित के सारंडा जंगल क्षेत्र में हाथी का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। किरीबुरु वन प्रक्षेत्र के भनगांव में रविवार शाम एक उग्र हाथी के हमले में 35 वर्षीय मुंगडू नायक की दर्दनाक मौत हो गई। यह एक ही हाथी द्वारा एक महीने में तीसरी जान ली गई है। बढ़ते खतरे को देखते हुए सोमवार को पश्चिम बंगाल से विशेषज्ञों की एक टीम को बुलाया गया है, जो क्षेत्र में तैनात रहकर हाथी को नियंत्रित करने का प्रयास करेगी।
किरीबुरु वन प्रक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भनगांव में रविवार शाम को एक उग्र हाथी ने 35 वर्षीय ग्रामीण मुंगडू नायक पर हमला कर उसकी जान ले ली। यह घटना न केवल स्थानीय ग्रामीणों के लिए, बल्कि वन विभाग के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। बताया जा रहा है कि इस हाथी ने पिछले एक महीने में झारखंड और ओडिशा मिलाकर कुल तीन लोगों की जान ली है। अब यह भनगांव और नवागांव क्षेत्र में दहशत का दूसरा नाम बन चुका है।
वन विभाग के मुताबिक, यह हाथी इतना आक्रामक हो गया है कि कुछ दिन पहले उसने वन विभाग की टीम पर भी हमला कर दिया था, जिसमें कुछ कर्मी घायल हो गए थे। घटना की सूचना मिलते ही सोमवार सुबह सारंडा के डीएफओ अविरुप सिन्हा के निर्देश पर वन विभाग की किरीबुरु टीम, शंकर पांडेय के नेतृत्व में, घटनास्थल भनगांव पहुंची। टीम ने मृतक के परिजनों को तत्काल राहत स्वरूप 25 हजार रुपये की सहायता राशि दी और शव को पोस्टमार्टम के लिए चाईबासा भेजा गया।
वन विभाग ने भरोसा दिलाया है कि मुआवजा प्रक्रिया पूरी होने के बाद पीड़ित परिवार को पूर्ण सरकारी सहायता दी जाएगी। साथ ही क्षेत्र में बढ़ते हाथी हमलों को गंभीरता से लेते हुए विभाग ने पश्चिम बंगाल से हाथी नियंत्रण में विशेषज्ञता रखने वाली एक विशेष टीम को बुलाया है। यह टीम सोमवार को ही किरीबुरु पहुंच गई और अब वह भनगांव व आसपास के प्रभावित क्षेत्रों में डेरा डालकर हाथी को घने जंगलों की ओर खदेड़ने की रणनीति पर काम कर रही है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि हाथी को या तो पकड़ कर जंगल के गहराई में भेजा जाए या फिर गांवों की सुरक्षा के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए। हाथी की आक्रामकता और लगातार हो रही जनहानि ने ग्रामीणों के मन में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है।