जनगणना अधिसूचना में जाति जनगणना का उल्लेख नहीं, कांग्रेस ने उठाए सवाल कांग्रेस ने केंद्र सरकार की मंशा पर जताया संदेह, तेलंगाना मॉडल को अपनाने की मांग

चाईबासा: केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी जनगणना अधिसूचना में जातिगत जनगणना का कोई उल्लेख नहीं किए जाने पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज जताया है। बुधवार को कांग्रेस भवन, चाईबासा में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें इस मुद्दे को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी गई।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे कांग्रेस जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “सरकार की नीयत में ही खोट है। नोटिफिकेशन में जाति जनगणना का कोई जिक्र नहीं किया गया है, न ही इसके लिए पर्याप्त बजट का आवंटन किया गया है। ऊपर से जनगणना को दो साल आगे बढ़ा दिया गया है।”
कांग्रेस जिला प्रवक्ता त्रिशानु राय ने केंद्र की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, “जातिगत जनगणना की मांग को पहले ‘अर्बन नक्सल सोच’ कहने वाली मोदी सरकार, राहुल गांधी के निरंतर दबाव में अब मजबूरन बात करने को तैयार हुई है।” लेकिन नोटिफिकेशन में इसकी अनुपस्थिति इस बात का संकेत है कि सरकार फिर से पीछे हट रही है।
कांग्रेस नेताओं ने यह भी मांग की कि जनगणना के दौरान सिर्फ जाति की गिनती नहीं होनी चाहिए, बल्कि तेलंगाना सरकार द्वारा अपनाए गए व्यापक जाति सर्वे मॉडल को केंद्र सरकार को भी लागू करना चाहिए। नेताओं ने कहा कि इससे सामाजिक और आर्थिक आधार पर नीति निर्माण की स्पष्ट दिशा तय हो सकेगी।
पार्टी नेताओं ने इस पूरे प्रकरण को “जन भावनाओं के साथ छल” करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस बार भी जातिगत जनगणना की प्रक्रिया से पीछे हट रही है, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
बैठक में शिक्षा विभाग चेयरमैन पुरुषोत्तम दास पान, सोशल मीडिया चेयरमैन रवि कच्छप, प्रखंड अध्यक्ष दिकु सावैयां, नियंत्रण कक्ष सदस्य संतोष सिन्हा, सोंगा पुरती, सुशील दास एवं प्रताप पुरती समेत कई कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।