पाकुड़ में न्यायालय कर्मियों को नियमित आदेश लेखन पर विशेष प्रशिक्षण का आयोजन
न्यूज़ लहर संवाददाता
पाकुड़: जिले के व्यवहार न्यायालय के सभागार कक्ष में रविवार को न्यायालय कर्मियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन ज्यूडिशल अकादमी, रांची के निर्देश पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह की अध्यक्षता में किया गया। प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर जितेंद्र कुमार गुप्ता, राघवेंद्र ठाकुर और जनार्दन मालाकार ने न्यायालय के शेरिस्तादार, पेशकार एवं अन्य कर्मियों को नियमित आदेश लेखन और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर दो पालियों में विस्तृत जानकारी प्रदान की। यह सभी मास्टर ट्रेनर हाल ही में 19 जून को ज्यूडिशियल अकादमी, रांची में आयोजित एमएस टू कोर्स की वर्कशॉप में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा उपलब्ध कराए गए फार्म के नियमित उपयोग पर विशेष चर्चा की गई। साथ ही, विभिन्न वादों में लगने वाले एड वॉलेरम फीस (यथामूल्य शुल्क) के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान इस बात पर भी जोर दिया गया कि वकीलों और फरियादियों को किसी भी प्रकार की असुविधा या परेशानी न हो और न्यायालय का कार्य सुगमता व सुलभता से संपन्न हो सके। न्यायालय के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने तथा वादों के निष्पादन को तेज करने के लिए कर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान कर्मियों को यह निर्देश दिया कि पाकुड़ एक गरीब और पिछड़ा क्षेत्र है, अतः न्यायालय में आने वाले फरियादियों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायालय की गलती से किसी भी गरीब व्यक्ति को तकलीफ नहीं पहुंचनी चाहिए। श्री सिंह ने बताया कि ज्यूडिशल अकादमी द्वारा प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनरों ने न्यायालय के कर्मियों को नियमित आदेश लेखन पर प्रशिक्षित किया है। प्रशिक्षण के दौरान एडीआर (वैकल्पिक विवाद समाधान) पर भी विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण में सीखी गई सभी बातों को न्यायालय के दैनिक कार्यों में शामिल करना होगा, ताकि न्यायालय का कार्य सुगमता से संपन्न हो सके और गलतियां कम से कम हो सकें। इससे वकीलों और फरियादियों को जल्द से जल्द न्याय मिल सकेगा। इस अवसर पर अपर न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी विजन कुमार दास तथा न्यायालय के अन्य संबंधित कर्मी मौजूद रहे।