भारत आदिवासी पार्टी की जिला बैठक चाईबासा में संपन्न संगठन विस्तार, जनजागरूकता और मिशन-विजन को जन-जन तक पहुंचाने पर जोर

चाईबासा: भारत आदिवासी पार्टी की पश्चिमी सिंहभूम जिला इकाई की एक महत्वपूर्ण बैठक मंगलवार को गांधी टोला, चाईबासा में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष सुशील बारला ने की। इस अवसर पर पार्टी संगठन के विस्तार, मजबूती और विचारधारा को आम जनता तक पहुंचाने की रणनीति पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि झारखंड की राजनीति में वर्तमान में सक्रिय कांग्रेस, राजद, जेएमएम और भाजपा जैसी तथाकथित धर्मनिरपेक्ष पार्टियों ने जातिवाद और अवसरवाद की राजनीति को बढ़ावा दिया है, जिससे आम जनता अब विकल्प की तलाश में है। ऐसे समय में भारत आदिवासी पार्टी एक दूरदर्शी, वैचारिक और विश्वसनीय विकल्प के रूप में सामने आ रही है, जो आदिवासी, मूलवासी और पिछड़े वर्गों की वास्तविक प्रतिनिधि बनने की क्षमता रखती है।
बैठक में यह भी कहा गया कि झारखंड को बिहार से अलग करने का जो सपना था, वह अब तक अधूरा है। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि जेएमएम नीत सरकार की कार्यशैली से जनता निराश और असंतुष्ट है। झारखंडियों की अस्मिता, पहचान, जल, जंगल और जमीन आज भी खतरे में हैं। इन मुद्दों पर भारत आदिवासी पार्टी एक मजबूत आवाज के रूप में उभर रही है।
संगठन के सदस्यता अभियान को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई। तय किया गया कि मिशन और विजन को प्रचारित करते हुए जनजागरूकता अभियान चलाकर संगठन को गांव-गांव और घर-घर तक ले जाया जाएगा। इससे पार्टी की जड़ें और मजबूत होंगी।
बैठक में कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। प्रमुख रूप से सनातन संवैया, सोंगा बानरा, सुरेश चंद्र सोय, कोलंबस हांसदा, वकील रमेश जेराई सहित अन्य पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।
बैठक के अंत में यह संकल्प लिया गया कि भारत आदिवासी पार्टी आने वाले समय में राज्य की राजनीति में एक सशक्त विकल्प के रूप में जनता के बीच पहुंचेगी और उनकी वास्तविक समस्याओं को लेकर संघर्ष करेगी।