ईचा डैम विस्थापन के मामले को विधानसभा में उठाएंगे जयराम महतो,आंदोलन का भी ऐलान

न्यूज़ लहर संवाददाता
चाईबासा। ईचा डैम परियोजना से विस्थापित होने वाले आदिवासी-मूलनिवासियों का दर्द एक बार फिर झारखंड की सियासत में गरमाने लगा है। सोमवार को डुमरी विधायक टाइगर जयराम महतो के चाईबासा आगमन पर ईचा खरकई बांध विरोधी संघ कोल्हान के प्रतिनिधिमंडल ने चाईबासा परिसदन में मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा और जल्द बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।
वार्ता के दौरान संघ के अध्यक्ष बिर सिंह बिरुली ने बताया कि पिछले 47 वर्षों से क्षेत्र की आदिवासी जनता ईचा डैम के खिलाफ संघर्षरत है। उन्होंने झारखंड सरकार पर जनजातीय परामर्शदातृ परिषद द्वारा गठित उपसमिति के निर्णयों की अनदेखी का आरोप लगाया और कहा कि 87 गांवों को डुबोने वाली यह परियोजना आदिवासियों के अस्तित्व पर सीधा हमला है। बिरुली ने कांग्रेस पर इस बहुउद्देशीय परियोजना की नींव रखकर आदिवासी विरोधी राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि मौजूदा झामुमो सरकार भी उसी राह पर चल रही है।
उन्होंने कहा कि ईचा डैम अब सिर्फ महागठबंधन का चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है जबकि हकीकत यह है कि हजारों लोग विस्थापन की त्रासदी झेल रहे हैं।
विधायक जयराम महतो ने प्रतिनिधिमंडल की बातें सुनते हुए भरोसा दिलाया कि आगामी मानसून सत्र में विधानसभा में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ विस्थापन का नहीं, बल्कि आदिवासियों के अस्तित्व का सवाल है और इस विनाशकारी परियोजना के खिलाफ जल्द ही आंदोलन की रणनीति तैयार कर जनता के साथ सड़क पर उतरा जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में संयोजक दशकन कुदादा, अध्यक्ष बिर सिंह बिरुली, उपाध्यक्ष रेयांश सामड, सचिव सुरेश सोय, कोषाध्यक्ष गुलिया कालुंडिया, सह-कोषाध्यक्ष बिरसा गॉडसोरा, सलाहकार गुलिया कुदादा, मीडिया सचिव गणेश बारी सहित रविन्द्र अल्डा, मिलन कालुंडिया, संतोष महतो, मानसा बोदरा और साकारी अल्डा शामिल थे।
ईचा डैम के खिलाफ आदिवासियों की यह आवाज अब धीरे-धीरे झारखंड की राजनीति में बड़ा सवाल बनती जा रही है।