जुलाई 2025 व्रत एवं त्योहार: देवशयनी एकादशी से श्रावण सोमवार तक विशेष धार्मिक पर्वों का संयोग
न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर।जुलाई 2025 का महीना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस माह कई प्रमुख व्रत एवं त्योहार पड़ रहे हैं, जिससे मंदिरों और घरों में पूजा-पाठ का विशेष माहौल रहेगा। श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस माह के व्रत एवं त्योहार इस प्रकार हैं:
देवशयनी एकादशी (6 जुलाई, रविवार)
इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और चार माह बाद देवउठनी एकादशी को जागते हैं। इन चार महीनों को चातुर्मास कहा जाता है, जिसमें विवाह, गृहप्रवेश जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है।
जयापार्वती व्रत प्रारंभ (8 जुलाई, मंगलवार)
यह व्रत पांच दिनों तक चलता है। विवाहित महिलाएं और कुंवारी लड़कियां इस व्रत को पति की लंबी उम्र और अच्छे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं। विशेष रूप से महाराष्ट्र और गुजरात में इसका महत्व अधिक है।
गुरु पूर्णिमा (10 जुलाई, बृहस्पतिवार)
आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। यह दिन गुरुओं के प्रति सम्मान प्रकट करने का होता है। लोग अपने गुरु या आचार्य का पूजन कर आशीर्वाद लेते हैं। कई स्थानों पर विशेष सत्संग व प्रवचन का आयोजन होता है।
श्रावण मास प्रारंभ (11 जुलाई, शुक्रवार)
हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है। इस माह में शिवलिंग पर जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और सोमवार व्रत का विशेष महत्व है। कांवड़ यात्रा भी इसी माह में होती है।
प्रथम श्रावण सोमवार व्रत (14 जुलाई, सोमवार)
श्रावण का पहला सोमवार भगवान शिव को समर्पित होता है। शिवभक्त इस दिन व्रत रखते हैं और बेलपत्र, दूध, दही, शहद से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं।
प्रथम मंगला गौरी व्रत (15 जुलाई, मंगलवार)
श्रावण मास के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र व सुख-समृद्धि के लिए माता पार्वती की पूजा करती हैं। इस व्रत में महिलाएं झूला झूलती हैं और पारंपरिक गीत गाती हैं।
कर्क संक्रांति (16 जुलाई, बुधवार)
सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश को कर्क संक्रांति कहा जाता है। इससे वर्षा ऋतु का प्रभाव बढ़ता है। इस दिन गंगा स्नान और दान का महत्व है।
द्वितीय श्रावण सोमवार व्रत (21 जुलाई, सोमवार)
श्रावण का दूसरा सोमवार भी शिवभक्तों के लिए अत्यंत पावन माना जाता है। भक्त विशेष रूप से भोलेनाथ का रुद्राभिषेक कर मनोकामनाएं मांगते हैं।
जुलाई माह के ये व्रत और त्योहार लोगों के जीवन में पुण्य, ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार करेंगे।
सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वेषां मंगलं भवतु।
(सभी सुखी हों, सबका कल्याण हो।)