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मोटर दुर्घटना दावा वादों के त्वरित निष्पादन पर जोर, प्रधान जिला न्यायाधीश ने दी दिशा-निर्देश

 

पाकुड़। मोटर दुर्घटना दावा वादों के त्वरित निष्पादन और पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने को लेकर मंगलवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) अध्यक्ष शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में अहम बैठक आयोजित हुई। यह बैठक 90 दिवसीय मध्यस्थता अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से पीडीजे प्रकोष्ठ में हुई, जो नालसा नई दिल्ली एवं झालसा रांची के निर्देशानुसार चलाया जा रहा है।

बैठक में मुख्य रूप से न्यायिक पदाधिकारी, इंश्योरेंस अधिवक्ता और एमएसीटी (मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण) से जुड़े पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में मोटर दुर्घटना दावा वादों से जुड़े कानूनी पहलुओं, दावों की वर्तमान स्थिति, मुआवजा राशि और संबंधित प्रक्रियाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। प्रधान जिला न्यायाधीश ने कहा कि प्रक्रिया को अधिक सरल एवं प्रभावी बनाकर पीड़ितों को न्याय दिलाने में किसी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए। उन्होंने ऐसे मामलों के प्रति गंभीरता दिखाते हुए अधिक से अधिक वादों के निष्पादन का लक्ष्य तय करने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

बैठक में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ की सचिव रूपा बंदना किरो समेत इंश्योरेंस अधिवक्ता और एमएसीटी से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे।

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