शिक्षकों को स्कूली बच्चों की नेत्र जांच का मिला प्रशिक्षण श्रद्धानंद बालिका मध्य विद्यालय चाईबासा में आयोजित हुआ कार्यक्रम

चाईबासा: जिला स्वास्थ्य समिति, अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम (पश्चिमी सिंहभूम) के तत्वावधान में चाईबासा प्रखंड के शिक्षकों को स्कूली बच्चों की प्रारंभिक नेत्र जांच हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम श्रद्धानंद बालिका मध्य विद्यालय, चाईबासा में आयोजित किया गया, जिसमें प्रखंड के कुल 122 शिक्षकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूली बच्चों में नेत्र दोषों की पहचान कर समय रहते उचित उपचार सुनिश्चित करना था। इस अवसर पर जिले की अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह सचिव, अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम, डॉ. भारती मिंज, नेत्र सर्जन डॉ. सेलीन सोसन टोपनो, डॉ. सिरिल संदीप सवैयां, नेत्र पदाधिकारी डॉ. मनोज सिंह मुंडा एवं नेत्र सहायक मेरी करुणा टोप्पो द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
डॉ. भारती मिंज ने कहा बच्चों की दृष्टि की रक्षा के लिए जिले के प्रत्येक प्रखंड में दृष्टि सर्वेक्षण कार्यक्रम चलाया जाना जरूरी है। शिक्षकों का यह प्रशिक्षण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
डॉ. सेलीन सोसन टोपनो ने शिक्षकों को बताया कि यदि किसी बच्चे की दृष्टि कमजोर पाई जाती है तो उसे तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से दिखाना चाहिए, ताकि समय पर उचित उपचार मिल सके।
वहीं, डॉ. सिरिल संदीप सवैयां ने कहा स्कूली बच्चों की दृष्टि दोष की जांच कर जरूरतमंदों को निःशुल्क चश्मा उपलब्ध कराना अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य है।
नेत्र पदाधिकारी डॉ. मनोज सिंह मुंडा ने विस्तार से दृष्टि दोष के कारणों एवं बचाव पर चर्चा करते हुए कहा स्कूली बच्चों की प्रतिवर्ष नेत्र जांच अनिवार्य होनी चाहिए। यदि चश्मा लगाने की जरूरत हो तो बच्चों को चश्मा नियमित रूप से पहनना चाहिए ताकि पढ़ाई बाधित न हो।
इस अवसर पर प्रखंड संसाधन केंद्र चाईबासा के विशेष शिक्षक अखिलेश कुमार पाल, प्रतिमा कालुंडिया, प्रखंड साधनसेवी सोनाली सिन्हा सहित चाईबासा प्रखंड के कई शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे।
कार्यक्रम के समापन पर प्रशिक्षकों एवं उपस्थित शिक्षकों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया और भविष्य में भी इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करने की बात कही गई।