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चाईबासा में सड़क सुरक्षा को लेकर हुई उच्चस्तरीय बैठक, हेलमेट जागरूकता और ट्रैफिक नियमों के सख्त पालन पर जोर

न्यूज़ लहर संवाददाता
चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय के सभागार में गुरुवार को सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त चंदन कुमार ने की। बैठक में तीनों अनुमंडलों के अनुमंडल पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी, जनप्रतिनिधि और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक की शुरुआत जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा दिए गए प्रेजेंटेशन से हुई, जिसमें विगत वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े, उससे संबंधित मृत्यु दर और वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 के तुलनात्मक विश्लेषण को प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही जिले में सड़क सुरक्षा को लेकर चल रहे जागरूकता कार्यक्रमों, नियम उल्लंघन करने वालों पर की गई कार्रवाई और सड़क निर्माण विभाग द्वारा किए जा रहे सुरक्षा उपायों की भी जानकारी दी गई।

उपायुक्त चंदन कुमार ने बैठक में निर्देश दिया कि जिलेभर में हेलमेट पहनने की अनिवार्यता को लेकर सघन जागरूकता अभियान चलाया जाए और बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने वालों पर सख्ती बरती जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे वाहन चालकों के वाहन लघु अवधि के लिए जप्त किए जाएं और उन्हें चिन्हित स्थलों पर वीडियो एवं ऑडियो माध्यम से सड़क सुरक्षा की काउंसलिंग दी जाए। उपायुक्त ने ग्रामीण क्षेत्रों में हाट-बाजार के दिनों में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए विशेष निगरानी और कार्रवाई का निर्देश दिया। साथ ही तेज गति से चलने वाले वाहनों पर जिलेभर में विशेष दंडात्मक अभियान चलाने को भी कहा। बैठक में सड़क पर अनधिकृत अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। नगर परिषद और प्रखंड स्तर पर आवारा पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कांजी हाउस निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में बंदगांव घाटी क्षेत्र में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को त्वरित चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए टेबो थाना के समीप स्थित स्वास्थ्य केंद्र को ट्रामा सेंटर के रूप में विकसित करने पर भी सहमति बनी। बैठक के अंत में उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय और जिम्मेदारी के साथ कार्रवाई करने का निर्देश दिया ताकि जिले में सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके।

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