गुलमोहर हाई स्कूल में भाषायी अभिव्यक्ति का महोत्सव: हिंदी और अंग्रेज़ी भाषण प्रतियोगिता में छात्रों ने दिखाया कौशल

जमशेदपुर। टेल्को स्थित गुलमोहर हाई स्कूल के प्रांगण में शनिवार को भाषा, साहित्य और वक्तृत्व का अद्भुत संगम देखने को मिला। विद्यालय में कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए वार्षिक हिंदी और अंग्रेज़ी भाषण प्रतियोगिताओं का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने अपनी अभिव्यक्ति क्षमता, आत्मविश्वास और भाषा कौशल का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत अंग्रेज़ी प्रतियोगिता से हुई, जिसमें कक्षा 6 और 7 के विद्यार्थियों ने सुंदर कविता-पाठ प्रस्तुत कर ध्वनि, लय और भावों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कक्षा 8 के छात्रों ने हास्य-प्रधान गद्य पाठ से सभी को खूब गुदगुदाया, वहीं कक्षा 9 और 10 के विद्यार्थियों ने ऐतिहासिक एवं प्रेरणादायक वक्तव्यों का प्रभावशाली घोषणापाठ किया। प्रतियोगिता का मुख्य आकर्षण कक्षा 11 और 12 के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत शेक्सपीयर के प्रसिद्ध नाटकों के एकल संवाद रहे, जिसमें छात्रों ने स्पष्ट उच्चारण, भाव-प्रवण अभिनय और चरित्र की गहराई को जीवंत कर दिया।
अंग्रेज़ी प्रतियोगिता की निर्णायक मंडली में डीपीएस की वरिष्ठ शिक्षिका तेजवंत कौर और तारापोर स्कूल, अग्रिको की उप प्रधानाचार्या स्वाति कम्बोज शामिल थीं। उन्होंने छात्रों की प्रस्तुति और तैयारी की भूरी-भूरी प्रशंसा की। कार्यक्रम का संचालन प्रक्रिया प्रभारी बैशाली दासगुप्ता और अंग्रेज़ी विभाग ने कुशलता से किया।
हिंदी भाषण प्रतियोगिता में कक्षा 6 के छात्रों ने वात्सल्य रस की कविताओं के माध्यम से माता-पिता के प्रेम को स्वर दिया। कक्षा 7 ने हास्य रस की कविताओं से माहौल को आनंदपूर्ण बना दिया, जबकि कक्षा 8 की वीर रस की कविताओं ने देशभक्ति का जोश भर दिया। कक्षा 9 ने व्यंग्य रस के माध्यम से सामाजिक सच्चाइयों को उजागर किया। गद्य प्रस्तुति में कक्षा 10 ने प्रेरक प्रसंग सुनाए और कक्षा 11 ने ऐतिहासिक घटनाओं को प्रभावशाली शैली में प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन कक्षा 12 द्वारा प्रस्तुत पौराणिक प्रसंगों से हुआ, जिनमें भारतीय संस्कृति और धार्मिक ग्रंथों की गहराई को मंच पर उतारा गया।
हिंदी प्रतियोगिता की निर्णायक मंडली में विद्यालय की पूर्व हिंदी शिक्षिकाएं सुधीरा झा और मीना सिन्हा शामिल थीं। कार्यक्रम का संचालन प्रक्रिया प्रभारी संजु वर्मा और हिंदी विभाग ने किया।
विद्यालय की प्रधानाचार्या प्रीति सिन्हा ने दोनों प्रतियोगिताओं की सराहना करते हुए कहा कि भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि विचारों और व्यक्तित्व को आकार देने वाली शक्ति है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि छात्रों के मन, वाणी और आत्मा को जोड़ने वाली एक भाषायी यात्रा थी, जिसने उनकी सोच और अभिव्यक्ति को नई दिशा दी।