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रात आठ बजे ट्वीट और सुबह हो गया दाखिला: तीन साल से शिक्षा से वंचित सलोनी को मिला प्रतिष्ठित विद्यालय में प्रवेश* 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

चाईबासा: कभी पढ़ाई का सपना देखने वाली सलोनी की आंखों में उम्मीद की रोशनी उस समय लौटी, जब एक ट्वीट ने उसकी जिंदगी बदल दी। चाईबासा सदर प्रखंड के मेरी टोला की रहने वाली सलोनी करीब तीन वर्षों से पारिवारिक और आर्थिक तंगी के कारण स्कूल नहीं जा पाई थी। लेकिन अब उसका नवमी कक्षा में एक प्रतिष्ठित विद्यालय में दाखिला हो गया है।

सलोनी की शिक्षा से दूरी की जानकारी जब समाजसेवी नेहा निषाद को हुई, तो उन्होंने बच्ची को वापस स्कूल भेजने का बीड़ा उठाया। उन्होंने सलोनी के दाखिले के लिए प्रयास शुरू किए, लेकिन आठवीं कक्षा की मार्कशीट गुम हो जाने के कारण यह कार्य आसान नहीं था। फिर नेहा निषाद ने बच्ची की स्थिति को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और चाईबासा उपायुक्त को रात 8 बजे ट्वीट के जरिए अवगत कराया।

इस ट्वीट के बाद प्रशासन और स्कूल प्रबंधन हरकत में आ गया। सुबह होते ही स्कूल प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए सलोनी का बिना किसी देरी के नवमी कक्षा में दाखिला कर लिया। इस सकारात्मक और संवेदनशील कार्रवाई से सलोनी और उसके परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

 

सलोनी ने कहा, “अब मुझे दोबारा पढ़ने का मौका मिला है, मैं आगे बढ़कर कुछ बनना चाहती हूं।”

वहीं, नेहा निषाद ने बताया कि यह केवल एक बच्ची का दाखिला नहीं, बल्कि उसकी जिंदगी संवारने की दिशा में एक कदम है।

 

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि यदि सामाजिक कार्यकर्ता, प्रशासन और सरकार एकजुट होकर कार्य करें, तो बदलाव संभव है। सलोनी की कहानी न सिर्फ प्रेरणा है, बल्कि समाज के हर उस बच्चे के लिए आशा की किरण है जो किसी कारणवश शिक्षा से दूर हो गया है।

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