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हो’ समाज युवा महासभा की बैठक सम्पन्न, भाषा अधिकार और संगठन विस्तार पर हुआ मंथन

 

चाईबासा: आदिवासी ‘हो’ समाज युवा महासभा की एक महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को चाईबासा स्थित महासभा कला एवं संस्कृति भवन, हरिगुटू में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इपिल सामड ने की। बैठक में संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा, निष्क्रिय कमेटियों के पुनर्गठन तथा आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा पर व्यापक चर्चा की गई।

बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी 3 अगस्त को महासभा के संस्थापक अध्यक्ष स्व. सामड की जयंती के अवसर पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा।

महासभा ने झारखंड सरकार द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) नियमावली में ‘हो’ भाषा को केवल तीन जिलों — पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम तक सीमित रखने पर कड़ी आपत्ति जताई। महासभा ने मांग की कि खूंटी, रांची, रामगढ़, हजारीबाग, बोकारो, धनबाद, गुमला, दुमका समेत अन्य जिलों को भी इस सूची में शामिल किया जाए। इस संदर्भ में राज्य के विधायकों, सांसदों, मंत्रियों, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया।

‘हो’ भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग पर फिर होगा दिल्ली में आंदोलन

बैठक में लंबे समय से लंबित ‘हो’ भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर गहन चर्चा की गई। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष भी ‘दोलाबु दिल्ली 5.0’ के तहत नई दिल्ली के जंतर-मंतर में धरना प्रदर्शन और सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए आगामी 13 जुलाई को ओडिशा के करंजिया में ऑल इंडिया ‘हो’ लैंग्वेज एक्शन कमेटी के साथ साझा कार्यक्रम की रूपरेखा तय की जाएगी।

बैठक में विश्व आदिवासी दिवस के आयोजन के समर्थन में भी चर्चा हुई। इसके अलावा, भाषा-संस्कृति, संगठन विस्तार एवं युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए अनेक सुझाव रखे गए।

इस बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरा बिरूली, महासचिव गब्बरसिंह हेम्ब्रम, कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र पुरती, संयुक्त सचिव रवि बिरूली, धर्म सचिव सोमा जेराई, प्रदेश अध्यक्ष गोबिन्द बिरूवा, साहित्यकार सदस्य दांसर बोदरा, सदस्य लेबा गागराई, जिलाध्यक्ष शेरसिंह बिरूवा, पूर्वी सिंहभूम जिलाध्यक्ष गोमेया सुंडी, सचिव ओएबन हेम्ब्रम, कोषाध्यक्ष सत्यव्रत बिरूवा, टोन्टो प्रखंड अध्यक्ष बिष्टुम हेस्सा, सहित कुसुम केराई, सिकंदर तिरिया, टाटाराम सामड, सुरेश पिंगुवा, करन होनहागा, जगमोहन पुरती, योगेश्वर पिंगुवा, जगमोहन हेम्ब्रम, पवन बिरूवा, थॉमस बिरूवा, लक्ष्मी हेम्ब्रम, यशवंती सिंकू, सुशीला सिंकू आदि दर्जनों कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।

यह बैठक ‘हो’ समाज के सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषाई अधिकारों की दिशा में मजबूत आवाज बनकर उभरी है। महासभा ने साफ संकेत दिया है कि आने वाले समय में भाषा और हक की लड़ाई को और तेज किया जाएगा।

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