ISRO ने किया चंद्रयान-3 के लैंडिंग टाइम में किया बदलाव, पूरी दुनिया की निगाहें टिकी

न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली:भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का चंद्रयान-3 मिशन अब इतिहास लिखने से महज एक कदम दूर रह गया है। शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात करीब दो बजे चंद्रयान के लैंडर विक्रम ने दूसरी बार डिबूस्टिंग की प्रकिया पूरी की। इस प्रक्रिया के साथ विक्रम चंद्रमा की सतह के और करीब जा पहुंचा है। उसके चारों इंजन सही तरीके से काम कर रहे हैं। अब उसकी सॉफ्ट लैंडिंग का इंतजार है। पहले से तय समय में बदलाव किया गया है।
23 अगस्त की शाम 6.04 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरेगा, इसरो पहले भी कर चुका है दो प्रयास
ज्ञात हो कि इससे पहले भारत 2008 में चंद्रयान-1 और 2019 में चंद्रयान-2 भेज चुका है। दोनों अभियान असफल रहे थे। इसरो का कहना है कि चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग में आई तकनीकी गड़बड़ियों को दूर करने के बाद ही चंद्रयान-3 भेजा गया है। चंद्रयान-2 की ही तरह इसरो ने चंद्रयान-3 में भी लैंडर का नाम विक्रम और रोवर का नाम प्रज्ञान रखा है। रोवर (प्रज्ञान) छह पहियों का एक रोबोट है जो लैंडर के अंदर ही होगा और सॉफ्ट लैंडिंग के बाद चंद्रमा की सतह पर बाहर आएगा।जब चांद पर प्रज्ञान चलेगा,तब वह अपने पीछे अशोक चक्रधर का छाप छोड़ देगा।