जुगसलाई जलापूर्ति केंद्र की दुर्दशा, 80 हजार लोगों के स्वास्थ्य पर मंडरा रहा खतरा

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर। जुगसलाई क्षेत्र में जलापूर्ति व्यवस्था की बदहाली लगातार स्थानीय नागरिकों के लिए संकट का कारण बन रही है। पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस कमिटी (नगर) के अध्यक्ष धर्मेंद्र सोनकर ने मंगलवार को इस गंभीर मुद्दे पर उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में जल उपचार संयंत्र की बदहाल स्थिति, अव्यवस्था, लापरवाही और गंदगी की ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया। ज्ञापन सौंपने से पूर्व कांग्रेसियों ने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन भी किया।
जिला कांग्रेस की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि जुगसलाई जलापूर्ति केंद्र की स्थिति बेहद चिंताजनक है। पिछले 13 वर्षों से न तो कोई साफ-सफाई हुई है, न ही पेंटिंग या जरूरी मरम्मत कार्य कराए गए हैं। जलापूर्ति केंद्र की पांचों टंकियों में इंडीकेटर मीटर भी नहीं लगे हैं, जिससे पानी की मात्रा का अंदाजा नहीं लग पाता और जलापूर्ति में बार-बार गड़बड़ी हो रही है।
संप टैंक (Reservoir Tank) पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है, जिससे लगातार पानी का रिसाव हो रहा है। वहीं जल उपचार संयंत्र के सभी पंपों की सक्शन लाइन के फुट-वाल्व टूटे हुए हैं और जालियां भी खराब पड़ी हैं। बावजूद इसके संबंधित कंपनियों और विभाग की ओर से किसी प्रकार की देखभाल नहीं की जा रही है।
पिछले महीने 14 जून को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधीन मैकेनिकल अधीक्षण अभियंता रांची और सिविल अधीक्षण अभियंता आदित्यपुर द्वारा संयुक्त निरीक्षण कर सभी समस्याओं के त्वरित समाधान का निर्देश दिया गया था, मगर आज तक कोई सुधार नहीं हुआ।
धर्मेन्द्र सोनकर ने चेतावनी दी कि इस लापरवाही के चलते जल की गुणवत्ता इतनी खराब हो गई है कि वह अब पीने लायक नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो क्षेत्र में गंदा पानी पीने से बीमारियां या महामारी फैलने का खतरा बना रहेगा। ज्ञापन में बताया गया कि जुगसलाई जलापूर्ति केंद्र के अंतर्गत पांच टंकियों के माध्यम से करीब 75 से 80 हजार लोगों को जलापूर्ति की जाती है, लेकिन संयंत्र की स्थिति बेहद खराब है। स्थानीय जनता ने प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग की है और उम्मीद जताई है कि अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेकर जल्द ठोस कदम उठाएंगे।