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चाईबासा-चक्रधरपुर की बदहाल नगरीय व्यवस्था पर भाजपा का प्रहार, नगर विकास विभाग को भेजा शिकायत पत्र

 

चाईबासा: चाईबासा और चक्रधरपुर नगर परिषद क्षेत्रों की बदहाल सफाई व्यवस्था और नगर विकास कार्यों में लापरवाही को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री (पिछड़ा जाति मोर्चा) हेमन्त कुमार केशरी ने राज्य सरकार के नगर विकास विभाग को एक कड़ा पत्र भेजा है। पत्र में उन्होंने इन दोनों नगर निकायों में व्याप्त गंदगी, जलजमाव, सड़क और नाली व्यवस्था की दुर्दशा सहित प्रशासनिक निष्क्रियता पर गंभीर चिंता जताई है।

श्री केशरी ने पत्र में उल्लेख किया है कि नगर विकास विभाग द्वारा 9 जून को राज्य के सभी नगर निकायों को निर्देश जारी किया गया था कि बरसात के पूर्व सड़कों की मरम्मत, नालियों की सफाई, लटकती पेड़ों की डालियों की कटाई, और पाइपलाइन कार्यों के लिए किए गए गड्ढों की मरम्मत सुनिश्चित की जाए। लेकिन खेदजनक रूप से चाईबासा और चक्रधरपुर नगर परिषद द्वारा इन निर्देशों का कोई पालन नहीं किया गया।

उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में जगह-जगह कूड़े-कचरे का अंबार लगा है, नालियों की गंदगी सड़कों पर बह रही है और पाइपलाइन कार्य के बाद सड़कों को जस का तस छोड़ दिया गया है, जिससे लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर चाईबासा के मंगला बाजार, जो नगर परिषद को प्रति वर्ष लगभग 40 लाख रुपये की आय देता है, वर्षों से गंदगी और बदबू से जूझ रहा है।

श्री केशरी ने यह भी आरोप लगाया कि चाईबासा नगर परिषद में तीन वर्षों से जमे सिटी मैनेजर केवल कार्यालय तक सीमित हैं और सफाई निरीक्षक का पद वर्षों से रिक्त है, जिससे नगर की सफाई व्यवस्था पूर्णतः चरमरा गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत खरीदी गई महंगी सफाई वाहन और सैकड़ों डस्टबिन भी लापता हैं, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका को बल मिलता है।

इसके अलावा, उन्होंने चाईबासा नगर परिषद अंतर्गत गांधी मैदान की बंदोबस्ती राशि में भारी अंतर को भी सवालों के घेरे में रखा है। वर्ष 2023 में 67 लाख में बंदोबस्ती की गई थी जबकि इस वर्ष केवल 43 लाख की न्यूनतम बोली प्रकाशित की गई है। उन्होंने कहा कि यह राजस्व की हानि का संकेत है और जांच का विषय है।

प्रदेश मंत्री ने नगर विकास विभाग से मांग की है कि चाईबासा और चक्रधरपुर जैसे महत्वपूर्ण शहरों में अनुभवी विशेष पदाधिकारियों की तत्काल नियुक्ति की जाए और वर्षों से जमे सिटी मैनेजरों को हटाया जाए। साथ ही, स्वच्छ भारत मिशन और 14वें वित्त आयोग की राशि में संभावित अनियमितताओं की जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।

उन्होंने पत्र की एक प्रति राज्य के मुख्य सचिव को भी अग्रसारित करते हुए इस मुद्दे पर तत्काल आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया है।

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