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लोको पायलटों के लिए सर्पदंश और रेबीज से बचाव पर जागरूकता सेमिनार आयोजित* 

 

 

जमशेदपुर: टाटानगर रेल सिविल डिफेंस के तत्वावधान में इलेक्ट्रिक लोको पायलट ट्रेनिंग सेंटर में एक जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का उद्देश्य लोको पायलटों को ड्यूटी के दौरान जंगल-पहाड़ी क्षेत्रों में सांपों के काटने और रेबीज संक्रमित कुत्तों के हमले जैसे संभावित खतरों से बचाव एवं प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी देना था।

 

सेमिनार में सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने कहा कि मनोहरपुर, डंगवापोसी, बांसपानी और टाटानगर रनिंग लॉबी क्षेत्रों में अक्सर विषैला और विषहीन सांपों के आने की घटनाएं सामने आती हैं, जिससे रेलकर्मियों में भय का माहौल बन जाता है। उन्होंने बताया कि सांप के काटने की घटनाएं अब एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय बन गई हैं। इसके चलते केंद्र सरकार ने सर्पदंश को नोटिफाएबल डिजीज घोषित किया है और इसके रोकथाम हेतु राष्ट्रीय सर्पदंश रोकथाम एवं नियंत्रण योजना भी शुरू की गई है।

 

इंस्पेक्टर कुमार ने कहा कि इस विषय में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी, समुचित इलाज की अनुपलब्धता और जागरूकता की कमी आज भी एक बड़ी चुनौती है। लोको पायलटों को सेमिनार में झारखंड में पाए जाने वाले प्रमुख विषैले और विषहीन सांपों की पहचान, उनके काटने के लक्षण, दांतों के निशान से उनकी पहचान तथा प्राथमिक उपचार के तरीकों की डिजिटल प्रेजेंटेशन और प्रोजेक्टर के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गई।

 

साथ ही, रात्रिकालीन ड्यूटी के दौरान रेबीज संक्रमित कुत्तों की पहचान और उनसे बचाव के उपायों पर टेली फिल्म के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। डेमोंस्ट्रेटर कल्याण कुमार साहू और रमेश कुमार ने सीपीआर (CPR) देने की विधि का प्रदर्शन कर कर्मियों को जीवन रक्षक उपायों की जानकारी दी।

 

इस प्रशिक्षण सत्र में चक्रधरपुर, आद्रा, खड़गपुर और रांची मंडल के पैसेंजर और गुड्स लोको पायलट के साथ-साथ ट्रेनिंग सेंटर के अनुदेशक भी शामिल हुए।

 

सेमिनार का मुख्य उद्देश्य था कि रेलकर्मी विषम परिस्थितियों में सतर्कता और प्राथमिक चिकित्सा के माध्यम से स्वयं की और दूसरों की जान बचाने में सक्षम बन सकें।

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