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तत्कालीन सुंदर नगर थाना प्रभारी और सब इंस्पेक्टर सहित उनके चांडाल चौकड़ी पर महिला के पति को डरा धमका कर घूस लेने का आरोप पर कोर्ट ने संज्ञान लिया

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर के सुन्दर नगर थाना प्रभारी अनुज कुमार,सबइंस्पेक्टर धर्म वीर सिंह सहित उनके चांडाल चौकड़ी पर महिला के पति को डरा धमकाकर घूस लेने और प्रताड़ित करने का आरोप पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है।इन सभी के विरुद्ध धारा 323, 341, 385, 504 और 506 के तहत मुकदमा चलेगा। इस मुकदमे में तत्कालीन सुंदर नगर थाना प्रभारी अनुज कुमार, सब इंस्पेक्टर धर्मवीर सिंह, थाना के प्राइवेट चालक करण साहू, अभिजीत कुमार, अमर प्रसाद आरोपी है ।अगर कोर्ट से इन्हें सजा मिलेगी तो जेल के साथ नौकरी से भी हाथ धोना पड़ेगा।
जानकारी के अनुसार सुंदर नगर निवासी गिरथो मेलगांडी ने तत्कालीन सुंदर नगर थाना प्रभारी अनुज कुमार, सब इंस्पेक्टर धर्मवीर सिंह, थाना के प्राइवेट चालक करण साहू, अभिजीत कुमार, अमर प्रसाद के विरुद्ध कोर्ट में कंप्लेन केस की थी। जिसमें उन्होंने बताया है कि पति रमाय मेलगांडी के विरुद्ध पड़ोसी मगीता गुईयां ने सुन्दर नगर थाना में बलात्कार का केस की थी।असल मगीता गुईयां के परिवार वाले जबरन पति रामय मेलगाडी से विवाह कर संपत्ति पर कब्जा करने के प्रयास में थे। लेकिन उनके पति इसके लिए तैयार नहीं हुए।तब मगीता गुईयां ने उनके पति के विरुद्ध सुंदर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। जिसके आधार पर तत्कालीन सुंदर नगर थाना प्रभारी अनुज कुमार ने धारा 376 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। साथ ही उन पर पोस्को एक्ट भी दर्ज कर दिया था। यहां भी थाना प्रभारी अनुज कुमार ने चालाकी करते हुए अपने थाना की महिला हवलदार सुषमा टोप्पो से एफ आई आर लिखवाया और मगीता गुईया की जगह हस्ताक्षर करा दिया। झुठा केस कर रमाय मेलगाडी को जेल भेज दिया।थाना प्रभारी अनुज कुमार ने अपने दलालों के माध्यम से दो लाख दस हजार रुपए घूस के रूप में ले लिया। इसके लिए डकैती केस में जेल जा चुके अपने नीजी वाहन चालक करण साहू और दलाल अभिजीत कुमार,अमर प्रसाद का सहयोग लिया।जबरन उनसे किस्तों में घुस के रुपए लिए गए। इसके बाद भी थाना प्रभारी अनुज कुमार ने उनकी मदद नहीं की। जबकि उनके पति को डियुटी के दौरान कम्पनी से गिरफ्तार कर जेल भेज गया था। वही एफआईआर में गिरफ्तारी का समय बदल दिया गया। सबसे आश्चर्यजनक बात यह रहा कि बगैर एफआईआर के ही रमाम मेलगाडी को गिरफ्तार किया गया। उसके बाद महिला हवलदार से एफ आई आर लिखवाया गया।उस दौरान मगीता गुंइयां थाना आयी ही नहीं थी।

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