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हजारीबाग में दिन-दहाड़े मवेशी तस्करी, पुलिस पर संरक्षण देने के आरोप

 

हजारीबाग: जिले में प्रतिबंधित मवेशियों की तस्करी अब केवल रात तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि दिन में भी यह अवैध कारोबार पुलिस की आंखों के सामने堂堂 जारी है। मंगलवार सुबह डीवीसी चौक पर इसका जीता-जागता उदाहरण सामने आया, जब एक पिकअप वाहन में मवेशी लादकर तस्कर खुलेआम शहर के बीचोंबीच से गुजरे और पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इंद्रपुरी से पीछा कर रही एक पीसीआर वैन (संख्या 1204) डीवीसी चौक तक तस्करों के वाहन के पीछे-पीछे आई, लेकिन वहां रुककर पुलिसकर्मियों ने तस्करों से पैसे लिए और उन्हें बेरोकटोक बरही की ओर जाने दिया। इसके बाद पुलिस की गाड़ी जिला परिषद चौक की ओर लौट गई। इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, हजारीबाग जिले के चौपारण से लेकर गोरहर तक एनएच पर रात के अंधेरे में ही नहीं, दिन में भी मवेशी तस्करी धड़ल्ले से होती है। बड़े ट्रकों और पिकअप वाहनों में मवेशियों को भरकर बिहार के डोभी से चतरा होते हुए हजारीबाग लाया जाता है। इस दौरान रास्ते में पड़ने वाले चार थानों और एक ओपी की पुलिस की भूमिका संदिग्ध रहती है।

बताया जा रहा है कि इस तस्करी रैकेट को सिर्फ पुलिसिया संरक्षण ही नहीं, बल्कि स्थानीय प्रभावशाली लोगों का भी समर्थन हासिल है। गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह तक रेलवे स्टेशन रोड और सरदार चौक जैसे मुख्य क्षेत्रों में बड़े मवेशी लदे वाहन बेरोकटोक गुजरते देखे गए।

पेलावल, बरही, धनबाद और निरसा के कुख्यात तस्करों के इस नेटवर्क में शामिल होने की बात सामने आई है, जिनके इशारे पर बिना इंट्री के वाहन छोड़े जाते हैं। इन तस्करों पर विभिन्न थानों में कई मामले दर्ज हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है।

इस खुली तस्करी और पुलिस की भूमिका पर जिले में आक्रोश व्याप्त है, पर कार्रवाई की कोई ठोस पहल अब तक नहीं की गई है।

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