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दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन: मंगलवार को नेमरा में होगा अंतिम संस्कार, प्रधानमंत्री मोदी सहित कई दिग्गज नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

नई दिल्ली:झारखंड की राजनीति के पुरोधा और झामुमो के संस्थापक दिशोम गुरु शिबू सोरेन का सोमवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की पुष्टि उनके पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ‘एक्स’ पर एक मार्मिक पोस्ट के माध्यम से की। उन्होंने लिखा, “आज मैं शून्य हो गया हूं। आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं।” उनके निधन के बाद पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई है। राज्य सरकार ने तीन दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है।

शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर आज शाम छह बजे झारखंड लाया जाएगा। सबसे पहले उनका शव रांची के मोरहाबादी स्थित उनके आवास पर लाया जाएगा। इसके बाद मंगलवार सुबह झामुमो के केंद्रीय कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा, जहां पार्टी कार्यकर्ता और आमजन उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

इसके पश्चात पार्थिव शरीर को झारखंड विधानसभा ले जाया जाएगा, जहां मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि श्रद्धांजलि देंगे। मंगलवार को ही उनका अंतिम संस्कार रामगढ़ जिले के उनके पैतृक गांव नेमरा में दोपहर तीन बजे किया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें मुखाग्नि दी जाएगी।

 

शिबू सोरेन के निधन की खबर फैलते ही देशभर से शोक संदेश आने लगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं सर गंगाराम अस्पताल पहुंचे और दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात कर शोक व्यक्त किया और कहा कि शिबू सोरेन जी एक ज़मीनी नेता थे, जिन्होंने आदिवासी समाज, गरीबों और वंचितों के अधिकारों के लिए जीवन भर संघर्ष किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें जनजातीय समाज का संघर्षशील प्रहरी बताया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि शिबू सोरेन हमेशा जनता और जमीन से जुड़े रहे और उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण के लिए अद्वितीय योगदान दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें गरीबों और आदिवासी समाज के कल्याण के लिए समर्पित नेता बताया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें झारखंड और देश की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति बताया और उनके योगदान को अविस्मरणीय कहा। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने उन्हें अपने संघर्षों का साथी बताते हुए उनके साथ बिताए पलों की यादें साझा कीं और दुख जताया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उन्हें गरीब, वंचित, उपेक्षित और मेहनतकश वर्ग की आवाज बताया और कहा कि वे सामाजिक न्याय और आदिवासी अधिकारों के प्रबल समर्थक थे।

 

ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और कई अन्य राष्ट्रीय नेताओं ने भी शिबू सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें सामाजिक न्याय की लड़ाई का प्रतीक बताया।

 

शिबू सोरेन का जाना न केवल झारखंड बल्कि देश की राजनीति में एक युग का अंत है। उन्होंने जिस तरह आदिवासी अस्मिता, सामाजिक न्याय और हाशिए के समुदायों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी। उनका जीवन संघर्ष और सेवा का पर्याय था, जिसे देश हमेशा याद रखेगा।

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