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शिबू सोरेन के संघर्ष से साकार हुआ झारखंड राज्य का सपना : जोबा माझी व जगत माझी ने दी श्रद्धांजलि

 

चक्रधरपुर: झारखंड अलग राज्य आंदोलन के अग्रदूत, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर पूरे झारखंड में शोक की लहर है। मनोहरपुर से झामुमो विधायक जगत माझी और सिंहभूम की सांसद जोबा माझी ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए गुरुजी को झारखंड की आत्मा और संघर्ष की प्रतीक बताया।

मनोहरपुर विधायक जगत माझी ने कहा कि शिबू सोरेन का निधन झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि गुरुजी ने अन्याय, शोषण और असमानता के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी और उन्हीं के अथक प्रयासों की बदौलत झारखंड अलग राज्य का सपना साकार हो सका।

विधायक ने बताया कि 2024 में विधानसभा चुनाव में पहली बार दावेदारी पेश करने के दौरान गुरुजी से भेंट हुई थी। उन्होंने आशीर्वाद देते हुए जीत का विश्वास दिलाया था। उन्होंने कहा कि झारखंडी समाज पर हमेशा बाबा शिबू सोरेन का आशीर्वाद बना रहे, यही हम सबकी कामना है।

सिंहभूम की सांसद जोबा माझी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन केवल एक नेता का नहीं, बल्कि एक युग का अंत है। उन्होंने कहा कि गुरुजी ज़मीनी नेता थे, जिन्होंने आदिवासी, दलित और वंचित समुदायों के लिए पूरी जिंदगी संघर्ष किया।

उन्होंने याद किया कि शिबू सोरेन के मुख्यमंत्री कार्यकाल में वह खुद मंत्री रही थीं और 2014 में गुरुजी ने उन्हें झामुमो की सदस्यता अपने आवास मोरहाबादी में दिलाई थी। शिबू सोरेन कई बार गोइलकेरा व सेरेंगदा आकर शहीदों को श्रद्धांजलि देने और देवेंद्र माझी की श्रद्धांजलि सभा में भाग लेने आए थे। 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने जोबा माझी के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित किया था।

2024 लोकसभा चुनाव में सिंहभूम सीट से उम्मीदवार बनाए जाने पर गुरुजी ने अपने हाथों से जोबा माझी को टिकट सौंपा था। चुनाव जीतने के बाद जोबा माझी अपने पुत्र जगत माझी व उदय माझी के साथ रांची जाकर गुरुजी से आशीर्वाद लेने पहुंची थीं।

दोनों नेताओं ने कहा कि गुरुजी का जीवन जल, जंगल और जमीन के लिए संघर्ष की अमिट गाथा है। उनका संघर्ष, सेवा और संकल्प आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा रहेगा। झारखंड उनका ऋणी रहेगा।

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