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सावन के अंतिम सोमवारी पर गुवा के तीनों शिवालयों में श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक, भंडारा का हुआ आयोजन —————-*** ‘विश्वरूप’ शिव मे सारी सृष्टि समाहित है– प्रभात प्राणीग्रही

 

गुवा

सावन के अंतिम सोमवारी पर गुवा के तीनों शिवालय गुवा बाजार स्थित कुसुम घाट के समीप शिवालय, गुवा रेलवे कॉलोनी स्थित शिवालय तथा योग नगर स्थित शिवालय में श्रद्धालुओं ने सुबह 4:00 बजे से ही जलाभिषेक करने के लिए तांता लगा रहा। इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए गुवा प्रशासन के द्वारा तीनों शिवालयों में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई, ताकि श्रद्धालुओं को जलाभिषेक करने में परेशानी ना हो। वही कुसुम घाट स्थित शिवालय में नवयुवक संघ की ओर से खिचड़ी एवं खीर भोग वितरण दोपहर 12 बजे से किया गया। इसके साथ ही योग नगर स्थित शिवालय में भी अंतिम सोमवारी बोकारो स्टील व वर्कर्स यूनियन इंटक के जोनल सक्रेटरी तूफान घोष के द्वारा भंडारा का आयोजन किया गया। इस भंडारे में खीर खिचड़ी आलू चना दाल की सब्जी लोगों को प्रसाद स्वरूप प्रदान किया गया।

साथ ही महाभोग प्रसाद ग्रहण करने गुवा सेल के मुख्य महाप्रबंधक कमल भास्कर तथा सेल के अधिकारियों ने भी ग्रहण किया। इस दौरान लगभग हजारों की संख्या में लोग महाभोग प्रसाद ग्रहण करने पहुंचे। वही रेलवे स्टेशन स्थित बाबा लोकनाथ शिव मंदिर में मंदिर के संस्थापक कुल बहादुर थापा द्वारा खिचड़ी भोग वितरण किया गया।

इस अवसर पर पुजारी प्रभात पाणीग्रही, नागेन्द्र पाठक, मानस पाणीग्रही, गौतम पाठक, गोविन्द पाठक एवं केशव पाठक ने बताया कि शिव वह चेतना हैं जहाँ से सब कुछ आरम्भ होता है, जहाँ सबका पोषण होता है और जिसमें सब कुछ विलीन हो जाता है। मनुष्य कभी ‘शिव’ के बाहर नहीं हैं, क्योंकि पूरी सृष्टि ही शिव में विद्यमान है। मानव मन, शरीर और सब कुछ केवल शिव तत्व से ही बना हुआ है, इसीलिए शिव को ‘विश्वरूप’ कहते हैं, जिसका अर्थ है कि सारी सृष्टि उन्हीं का रूप है। क्षेत्र में हर जगह शिव भक्तों में हर्ष देखा गया।

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