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दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर भाजपा जमशेदपुर महानगर ने जताया गहरा शोक, महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा- यह एक युग का अंत है

 

जमशेदपुर। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन की खबर से पूरा झारखंड शोकाकुल है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और पिछले एक महीने से अधिक समय से दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने सोमवार को अंतिम सांस ली। शिबू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक संरक्षक रहे और झारखंड राज्य के गठन में उनकी भूमिका ऐतिहासिक रही है। एक जननेता के रूप में उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा आदिवासी अधिकारों की रक्षा, जल-जंगल-जमीन की लड़ाई और समाज के वंचित तबकों की आवाज उठाने में समर्पित किया।

उनके निधन पर भाजपा जमशेदपुर महानगर की ओर से गहरा शोक व्यक्त किया गया है। महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने दिशोम गुरु के निधन को झारखंड की राजनीति के एक युग का अंत बताया। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन राजनेता के साथ आंदोलन के प्रतीक थे। उन्होंने झारखंड के लोगों के अधिकार, पहचान और सम्मान के लिए लंबा संघर्ष किया और राज्य को अलग पहचान दिलाने में अग्रणी भूमिका निभाई।

सुधांशु ओझा ने कहा कि भले ही राजनीतिक विचार अलग हों, लेकिन दिशोम गुरु का योगदान हमेशा सम्मान और स्मरण के योग्य रहेगा। उन्होंने झारखंड की राजनीति को जो दिशा दी वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी। कहा कि भाजपा जमशेदपुर महानगर प्रभु से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोकाकुल परिवारजनों को धैर्य एवं संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता है।

झारखंड की राजनीति में उनके अनुपस्थिति की भरपाई करना असंभव: प्रेम झा

वहीं, भाजपा जमशेदपुर के जिला मीडिया प्रभारी प्रेम झा ने भी झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता, झामुमो के संस्थापक संरक्षक, पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रेम झा ने कहा कि उनका निधन झारखंड के इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय का अंत है। शिबू सोरेन जी ने अपने जीवन में अनेकों संघर्षों का सामना किया। उनका राजनीतिक जीवन जनसेवा, संघर्ष और सिद्धांतों से ओत-प्रोत रहा। वे झारखंड की मिट्टी के ऐसे सपूत थे, जिन्होंने यहां के लोगों को अपने अस्मिता और अधिकार के लिए लड़ना सिखाया। झारखंड की राजनीति में उनके अनुपस्थिति की भरपाई करना कठिन होगा।

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