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परसुडीह में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से पहले ही लोगों ने स्वयं हटा लिया अतिक्रमण, दोहरी नीति का आरोप

 

जमशेदपुर। परसुडीह के खासमहल से करनडीह चौक तक अंचल प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की चेतावनी के बाद इलाके के गरीब लोगों ने मंगलवार को खुद ही अपनी झोपड़ियां और ठेले हटा लिए। 4 अगस्त को निर्धारित कार्रवाई की सूचना मिलते ही लोगों ने बिना किसी विरोध के अपना ठेला और दुकानों को हटा लिया। लेकिन तय तिथि के दिन प्रशासनिक टीम मौके पर नहीं पहुंची, जिससे लोग घंटों अधिकारियों की प्रतीक्षा करते रहे।

सड़क किनारे रहने वाले इन परिवारों का अतिक्रमण कोई नया नहीं, बल्कि वर्षों पुराना है। अधिकांश लोग फल बेचकर और छोटे-मोटे सामानों की दुकान लगाकर अपनी रोजी-रोटी चलाते थे। बारिश, धूप और ठंड से बचाव के लिए इन लोगों ने प्लास्टिक और टीन की छतों से अपने अस्थायी घर बनाए थे। लेकिन अब प्रशासन की नोटिस के बाद उन्होंने इन्हें खुद ही तोड़ दिया।

इधर, स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि अंचल प्रशासन की कार्रवाई में भेदभाव हो रहा है। जहां एक ओर गरीबों की बस्तियां हटाई जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर प्रखंड कार्यालय के नजदीक एक व्यवसायी द्वारा किए जा रहे ताजे अतिक्रमण पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ‘स्वाद’ नामक दुकान की ओर से बीते दो दिनों से अवैध निर्माण किया जा रहा है, जिसकी शिकायत लोगों ने सीओ कार्यालय में भी की है, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कार्रवाई केवल कमजोर और गरीब वर्ग पर की जा रही है, जबकि प्रभावशाली लोगों को अनदेखा किया जा रहा है। उनका कहना है कि अगर वाकई अतिक्रमण हटाना है, तो नियम सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए।

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