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छह दिवसीय ‘पलाश’ शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न, चाईबासा के पांच केंद्रों पर 354 शिक्षकों ने लिया हिस्सा

 

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले में ‘पलाश’ छह दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण पांच केन्द्रों शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय बिनसाई, श्रद्धानंद बालिका उच्च विद्यालय, बीआरसी खूंटपानी, बीआरसी चक्रधरपुर और उच्च विद्यालय पुराना गोइलकेरा में आठ बैचों में संपन्न हुआ, जिसमें 305 विद्यालयों के 354 शिक्षकों ने भाग लिया।

इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य रहा बच्चों के समग्र विकास के लिए मातृभाषा आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना। जिले के लगभग 360 बच्चे, जो मुंडारी, हो, संथाली या कुड़ुख जैसी स्थानीय भाषाएं बोलते हैं, उन्हें इस कार्यक्रम से सबसे अधिक लाभ मिलेगा। मातृभाषा में शिक्षा मिलने से बच्चे न केवल बेहतर समझते हैं, बल्कि आत्मविश्वास के साथ सवाल पूछते हैं और विचार भी साझा करते हैं।

प्रशिक्षण का प्रारूप इस प्रकार तैयार किया गया कि शिक्षक स्कूल में इसे तुरंत लागू कर सकें। पहले तीन दिन गणित शिक्षण पर केंद्रित रहे, जिसमें खेल, कहानियों और स्थानीय संसाधनों के माध्यम से बच्चों को गणित सिखाने की विधियों पर बल दिया गया।

अब तक यह कार्यक्रम केवल कक्षा 1 और 2 के लिए था, लेकिन इस वर्ष से कक्षा 3 को भी इसमें जोड़ा गया है। इससे बच्चों को लगातार तीन वर्षों तक मातृभाषा में मजबूत शैक्षणिक आधार प्राप्त होगा, जो विशेष रूप से ग्रामीण और जनजातीय समुदायों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।

कार्यक्रम का संचालन लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन (LLF) के सहयोग से किया गया। प्रशिक्षण को सफल बनाने में एलएलएफ की केंद्रीय टीम से स्मृति मिश्रा और सीमा सिंह, राज्य टीम से नीरज सिंह राणा, शैलेन्द्र अवस्थी, निशा गुप्ता, ब्रजेश, तथा जिला टीम से विवांशु कुमार, पूजा कुमारी पान, कमल लोचन प्रामाणिक, दीपक सांडिल, अहसान आलम और उषा कुमारी का विशेष योगदान रहा।

शिक्षकों और आयोजकों ने इस पहल को शिक्षा में समावेशिता और गुणवत्ता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

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