भोजपुरी साहित्य के पुरोधा गंगा प्रसाद अरुण का 79 वर्ष की आयु में निधन

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर। भोजपुरी और हिंदी साहित्य जगत के वरिष्ठ कवि, गीतकार एवं ग़ज़लकार गंगा प्रसाद अरुण का 15 अगस्त की शाम 6:23 बजे टाटा मोटर्स अस्पताल में लंबी बीमारी से जूझते हुए निधन हो गया। 79 वर्षीय अरुण जी के निधन से साहित्य जगत और भोजपुरी समाज शोकाकुल है।
रोहतास जिला के पड़रिया गांव में 4 जनवरी 1947 को जन्मे गंगा प्रसाद अरुण ने अपना संपूर्ण जीवन साहित्य साधना को समर्पित किया। वे वरीय अधिकारी (शिक्षा एवं सामुदायिक सेवाएं) के पद से टेल्को जमशेदपुर से सेवानिवृत्त हुए थे, लेकिन साहित्यिक रचनाओं में सक्रिय बने रहे। अरुण जी ने 50 वर्षों से अधिक समय तक हिंदी और भोजपुरी साहित्य की निष्ठापूर्वक सेवा की।
वे कवि, गीतकार, नवगीतकार और ग़ज़लकार के रूप में चर्चित रहे और उनकी साहित्य साधना ने भोजपुरी साहित्य को नई ऊँचाइयाँ प्रदान कीं। उनके निधन से हिंदी और भोजपुरी साहित्य की अपूरणीय क्षति हुई है, जिसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है।
गंगा प्रसाद अरुण अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके निधन की खबर से साहित्यकारों, पाठकों और भोजपुरी समाज में गहरा शोक व्याप्त है।