सारंडा में समाज से सरोकार रखने वाले संतोष ने मानव जीवन बचाने के लिए 250 युवाओं का दल खड़ा किया

न्यूज़ लहर संवाददाता
गुवा।झारखंड के अति दुर्गम क्षेत्र सारंडा में समाजसेवी संतोष कुमार पंडा के द्वारा जंगल के विभिन्न गांव का बेटा बनकर सेवा दिया जा रहा है।
उन्होंने सिर्फ रक्त दान व रक्त दान के लिए क्रांति सारंडा क्षेत्र लोगों को जागरूक कर दिया है
मानव जीवन बचाने के लिए वे हमेशा आगे आ 250 युवाओं का दल खड़ा कर दिया है। उनका यह संकल्प है किहमारे क्षेत्र की अस्पतालों से एक भी मरीज रक्त नहीं मिलने पर अस्पताल से वापस नहीं लौटे उनका यह संकल्प है:-रक्त दान होगा,रक्त दान हर हाल में होगा । श्री संतोष पंडा
कुमडी,धरनादीरी,कलिता,किरीबुरू व अन्य आस पास के जगहों मे अलग-अलग 14 वृद्ध आश्रम स्थापित कर चुके हैं । जिनका इस संसार में कोई भी परिवार व देखरेख करने वाला नहीं है ।उनका बेटा बन उन्हे सहयोग व देख रेख कर रहे है l वे असहाय निराश्रित जीवन यापन कर रहे लोगो के बीच पहचान बना चुके है। अलग-अलग गांव वालों से खबर मिलते ही पिछले 11 साल से भोजन एवं स्वास्थ्य की मदद पहुंचा रहे हैं श्री पंडा का कहना है वृद्धा अवस्था में अपना जमीन अपना घर जैसा भी हो कोई भी उससे छोड़कर किसी भी हालत में दूर जाना नहीं चाहता । इस लिए हमने वृद्धा आश्रम नहीं अपना घर बनाया है l उन सबको अलग लेकर वृद्धाश्रम में नहीं रखा है। हमने उन सभी असहायों को उनके अपने घर में ही बेटा बनकर सेवा किया है।वर्तमान में सारंडा क्षेत्र के 14 वृद्धाश्रम जो अकेले असहाय रहते थे ।उनका बेटा बनकर उनको हर महीने की राशन जैसे कि चावल दाल आलू प्याज लहसुन नमक हल्दी चूड़ा गुड़ चीनी चाय पत्ती साबुन बिस्कुट आदि खाद्य पदार्थ पहुँचाते है। इसके अतिरक्त
सारंडा फॉरेस्ट की कलेईता,बोरदाभाटी गांव,एवं किरीबुरू में चल रही निशुल्क अंग्रेजी माध्यम स्कूल “शिशु विकास नर्सरी स्कूल ” का संचालन समाजसेवी श्री संतोष पंड़ा कर रहे है जहाँ बच्चें निः शुल्क अध्ययन कर रहें है।