झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व मंत्री रामदास सोरेन को श्रद्धांजलि दी*

जमशेदपुर: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को पूर्व शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री रामदास सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री अपनी पत्नी और विधायक कल्पना सोरेन के साथ जमशेदपुर के घोड़ाबांधा स्थित रामदास सोरेन के आवास पर पहुँचे, जहाँ उन्होंने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
दिशोम गुरु शिबू सोरेन और रामदास सोरेन का निधन एक अपूरणीय क्षति
*मुख्यमंत्री ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के एक पखवाड़े के भीतर ही रामदास सोरेन का चले जाना उनके लिए एक असहनीय पीड़ा है।* उन्होंने कहा, “यह राज्य के लिए और मेरे लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनका निधन एक ऐसी शून्यता पैदा कर गया है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती।”
झारखंड आंदोलन में अहम योगदान
*हेमंत सोरेन ने दिवंगत रामदास सोरेन के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपने संघर्ष से एक अलग पहचान बनाई थी।* मुख्यमंत्री ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में चले झारखंड आंदोलन में उनका अहम योगदान था। उन्होंने रामदास सोरेन को एक सरल स्वभाव वाला व्यक्ति बताया, जो अपने सार्वजनिक जीवन में हमेशा लोगों के दुख-दर्द और समस्याओं को दूर करने के लिए खड़े रहे।
शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा मंत्री के रूप में रामदास सोरेन ने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए कई नई पहल की थीं। *उन्होंने सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने पर ज़ोर दिया और गरीब बच्चों के समग्र विकास के लिए काम किया।* मुख्यमंत्री ने कहा कि रामदास सोरेन का व्यक्तित्व और कार्य हमेशा ऊर्जा प्रदान करता रहेगा।