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सदर अस्पताल चाईबासा में करोड़ों की लागत के बाद भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव

 

चाईबासा: करोड़ों रुपये की लागत से बने सदर अस्पताल चाईबासा में अब भी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। अस्पताल की बाहरी चमक-धमक वास्तविक स्थिति को ढक नहीं पा रही है। अंदर की सच्चाई यह है कि पानी, सफाई और पर्याप्त बिस्तरों जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की भारी कमी है, जिससे दूर-दराज से आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

पानी की समस्या सबसे गंभीर है। महिला और पुरुष वार्डों में पीने के पानी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। अस्पताल में केवल दो स्थानों कैंटीन और ओपीडी में पानी उपलब्ध है। कैंटीन में गर्म पानी ₹5 और सामान्य पानी ₹2 प्रति बोतल बेचा जाता है, जबकि ओपीडी में लगी मशीन से मिलने वाले पानी की गुणवत्ता पर कोई निगरानी नहीं है। मरीजों को पीने के पानी के लिए दो-दो मंज़िल नीचे उतरना पड़ता है, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ जाती है।

स्वच्छता का हाल भी बेहद खराब है। अस्पताल के शौचालयों में गेट टूटे हुए हैं और सफाई की व्यवस्था इतनी बदतर है कि वहां से उठती बदबू बीमार मरीजों के लिए खतरा बन सकती है।

बेड की भारी कमी के कारण कई मरीजों को ज़मीन पर या बेंच पर लेटना पड़ता है।

युवा भाजपा नेता दुवारिका शर्मा ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि ₹215 करोड़ की लागत से बने अस्पताल में यदि ₹25 लाख भी साफ पानी, स्वच्छ शौचालय और बेड जैसी मूलभूत सुविधाओं पर खर्च किए जाएं, तो मरीजों को बड़ी राहत मिल सकती है। उन्होंने मांग की कि सदर अस्पताल की अंदरूनी स्थिति में शीघ्र सुधार हो और सरकार के नारे ज़मीन पर दिखाई दें।

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