दलमा सेंचुरी के पास भूमाफियाओं के कब्ज़े से बिगड़ा संतुलन, गांव में घुसा हाथियों का झुंड, दहशत में ग्रामीण

न्यूज़ लहर संवाददाता
सरायकेला-खरसावां।
सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल प्रखंड के पूड़ीसीली मौजा में भूमाफियाओं द्वारा सरकारी जमीन पर कब्ज़े का मामला अब स्थानीय ग्रामीणों के लिए खतरे का सबब बन गया है। दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी से सटे इस इलाके में हाथियों का झुंड भोजन और पानी की तलाश में अक्सर विचरता रहा है। लेकिन जंगल की तराई भूमि पर अवैध निर्माण और कब्ज़े के कारण हाथियों का प्राकृतिक रास्ता बाधित हो गया है। यही कारण है कि अब हाथियों का समूह गांवों की ओर बढ़ आया है। अचानक गांव में हाथियों के पहुंचने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है और लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी जमीन पर कब्ज़ा केवल कानून का उल्लंघन नहीं है, बल्कि इससे वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास भी नष्ट हो रहा है। पहले जहां हाथियों को जंगल और तराई क्षेत्र में पर्याप्त भोजन और पानी मिल जाता था, वहीं अब वहां टीन शेड लगाकर भूमि घेरने की कार्रवाई की जा रही है। इस अवैध कब्ज़े के कारण हाथियों को मजबूरन गांव की ओर जाना पड़ रहा है, जिससे इंसानों और जानवरों के बीच संघर्ष की आशंका और बढ़ गई है।
ग्रामीणों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जब जमीन पर झारखंड सरकार का बोर्ड लगा हुआ है जिसमें साफ लिखा है कि यह भूमि सरकारी है और इस पर क्रय-विक्रय या कब्ज़ा दंडनीय अपराध है, तब भी भूमाफिया खुलेआम कब्ज़ा कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि प्रशासन और भूमाफियाओं के बीच मिलीभगत के कारण यह सब हो रहा है।
मुखिया प्रतिनिधि हरेंद्र सिंह ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई नहीं की तो हालात और बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि हाथियों के गांव में प्रवेश से ग्रामीण भयभीत हैं और रातों की नींद हराम हो गई है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि भूमाफियाओं पर सख्त कार्रवाई कर सरकारी भूमि को मुक्त कराए और हाथियों के विचरण क्षेत्र को सुरक्षित बनाए।
ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा है कि भूमाफियाओं की मनमानी के कारण उनकी जान खतरे में है। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।