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इटखोरी प्रखंड में बारिश ने मचाया कहर कई घर हुए जलमग्न नदियां उफान पर सिओ व बीडीओ ने प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा,दिए सुरक्षा के निर्देश

 

चतरा। इटखोरी प्रखंड में लगातार हो रही वर्षा से आमजन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। प्रखंड के कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। इटखोरी प्रखंड के नगवां पुल के समीप चेतो दांगी व अशोक पासवान के घर में पूरी तरह से पानी भर गया। पानी इतना भयावह था कि अशोक पासवान घर से किसी तरह परिजनों के साथ अपनी जान बचाकर निकले जहां पानी में डूबने लगे, जिसे देख कर दो युवक उन्हें बचाने के लिए कूद पड़ा लेकिन वो भी पानी में डूबने लगा वहां मौजूद एक बहादुर एक युवक ने बड़े हीं मस्सकत के बाद बांस के सहारे से तीनों को सुरक्षित निकाल लिया गया। सारा सामान घर रखे बेकार हो गया, चेतो दांगी के घर से कुछ सामान निकाल गया है। वहीं पीतीज गाँव में गजब नजारा देखने को मिला। जहाँ बसाने नदी का जलस्तर बढ़ने से एक घर बाढ़ की चपेट में आ गया। पीतीज गाँव निवासी मुन्ना यादव, जो भारतीय सेना में कार्यरत हैं का घर पूरी तरह से पानी में डूब गया। उनकी बेटी ने बताया कि बाढ़ का पानी इतनी तेजी से घर में घुसा कि कूलर, फ्रिज, इनवर्टर और बैटरी सहित घर का सारा सामान बर्बाद हो गया। खाने-पीने का सामान, कपड़े और बिस्तर सब कुछ पानी में बह गया। गनीमत रही कि परिवार का कोई सदस्य हताहत नहीं हुआ। बाढ़ से बचने के लिए परिवार को अपना घर छोड़कर गाँव के ही पुराने घरों और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है। घटना की सूचना मिलने पर इटखोरी के प्रखंड विकास पदाधिकारी सोमनाथ बंकिरा और अंचल अधिकारी सविता सिंह तुरंत मौके पर पहुँचे। उन्होंने बाढ़ पीड़ित परिवार से मिलकर हालात का जायजा लिया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्देश दिया। बीडीओ ने कहा कि उन्होंने इटखोरी पुलिस को लगातार पेट्रोलिंग करने और स्थिति पर नजर रखने का निर्देश दिया है, ताकि पीड़ितों को तुरंत मदद पहुँचाई जा सके। अंचल अधिकारी सविता सिंह ने बताया कि यह पहली बार है जब इटखोरी में इस तरह की बाढ़ देखी गई है, जिसमें किसी का घर पूरी तरह से पानी में डूब गया हो। उन्होंने इस स्थिति के लिए नदी से हो रहे अवैध बालू खनन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि नदी में बालू रहने से पानी का स्तर इतना नहीं बढ़ता, लेकिन लगातार बालू निकालने के कारण यह भयानक स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने पुल से भारी वाहनों के आवागमन पर भी रोक लगाने की बात कही, ताकि कोई हादसा न हो। इस घटना ने एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं और अवैध गतिविधियों के गठजोड़ से पैदा होने वाले खतरों को उजागर किया है।

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