Regional

आदिवासी मुंडा समाज ने मनाई पद्मश्री डॉ. राम दयाल मुंडा की जयंती

 

चाईबासा: आदिवासी मुंडा समाज, पश्चिमी सिंहभूम द्वारा शनिवार को चाईबासा के छोटा नीमडीह स्थित शनिवार को पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष नीला नाग के आवास पर पद्मश्री डॉ. राम दयाल मुंडा की जयंती सादगी और श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर समाज के लोगों ने उनकी जीवनी और समाज के प्रति योगदान को याद किया।

कार्यक्रम में नीला नाग ने डॉ. राम दयाल मुंडा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म 23 अगस्त 1939 को झारखंड के तमाड़ प्रखंड के दिउड़ी गांव में हुआ था। वे न केवल एक विद्वान, लेखक और शिक्षाविद थे, बल्कि उन्होंने आदिवासी कला, संस्कृति और भाषा के संरक्षण तथा विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि डॉ. मुंडा ने अपने जीवन से हमें यह सिखाया कि अपनी जड़ों से जुड़कर भी वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई जा सकती है। आज जरूरत है कि हम उनके पदचिन्हों पर चलें और अपने समाज को सशक्त बनाएं।

कार्यक्रम में समाज के संरक्षक गोपाल सामंत, अध्यक्ष रिको सांडील, हरीश सांडील, प्रकाश सुलंकी, सुमित सिंह मुंडा, सुषमा नाग, मीना मुंडा, सोनिया सांडील, खुशबू नाग, बागून नाग, रंजीत सुलंकी, मोती सुलंकी, गोपाल नाग, संगीता नाग, सुकुमारी सांडील, शकुंतला मुंडा, बबली कच्छप समेत बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे।

समाज के अन्य वक्ताओं ने भी डॉ. मुंडा के आदर्शों को आत्मसात करने और अगली पीढ़ी को उनके बारे में बताने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम के अंत में सभी ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

Related Posts