विजय-II खदान खोलने की मांग पर गुवा में ग्रामीणों का जोरदार आंदोलन, मंत्री को ज्ञापन सौंपा

गुवा।पश्चिमी सिंहभूम जिला स्थित।टाटा स्टील की विजय-II खदान को चालू कराने की मांग को लेकर ग्रामीणों का आंदोलन अब और तेज हो गया है। खदान बंद होने से रोजगार खत्म होने और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति बिगड़ने पर नाराज़ ग्रामीणों, ट्रक मालिकों, ड्राइवर-खलासी और मजदूरों ने शुक्रवार को गुवा के हाथी चौक पर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व नोवामुंडी प्रमुख पूनम गिलुवा ने किया।
प्रदर्शन के दौरान ग्रामीण नेता मुंडा ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि दुर्गा पूजा से पहले खदान चालू नहीं की गई, तो ग्रामीण सड़क जाम और रेल चक्का जाम आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि खदान बंद होने से हजारों परिवार बेरोजगार हो गए हैं और पूरे सारंडा क्षेत्र में भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। लोग अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए गांव छोड़कर दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं।
ट्रक मालिकों और ड्राइवर-खलासियों ने भी कहा कि खदान बंद होने से उनकी आजीविका पर संकट आ गया है। उन्होंने खदान को जल्द से जल्द चालू करने, स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार देने और क्षेत्रीय विकास योजनाओं को लागू करने की मांग रखी।
आंदोलन के दौरान गुवा पहुंचे मंत्री दीपक बिरुवा का ग्रामीणों ने घेराव कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने कहा कि खदान बंद होने से रोजगार के अवसर पूरी तरह खत्म हो गए हैं और लोगों की आजीविका पर गहरा असर पड़ा है। ज्ञापन में खदान संचालन को शीघ्र बहाल करने, स्थानीय युवाओं को रोजगार देने और क्षेत्र के विकास कार्यों को आगे बढ़ाने की मांग की गई।
मंत्री दीपक बिरुवा ने ग्रामीणों की बात ध्यानपूर्वक सुनी और आश्वासन दिया कि इस मामले को सरकार और संबंधित विभाग के स्तर पर उठाया जाएगा ताकि जल्द से जल्द सकारात्मक समाधान निकाला जा सके।
धरना-प्रदर्शन में सारंडा पीढ़ मानकी लागुड़ा देवगम, बोकना गांव मुंडा विक्रम चाम्पिया, किरीबुरू पूर्वी मुखिया मंगल गिलुवा, नोवामुंडी प्रखंड प्रमुख पूनम गिलुवा, मुंडा कानूराम देवगम, मुंडा कुसू देवगम, उप मुखिया रमेश हांसदा, मुंडा रोमा सिद्धू, सोनापी गांव मुंडा प्रीति सुरीन, समूह हांसदा, धर्मेंद्र गुप्ता, रूपा खान, बुधराम पूर्ति, जुनू पूर्ति सहित 30 गांवों के ग्रामीण, मुंडा, मानकी, ट्रक मालिक, ड्राइवर-खलासी तथा मजदूर बड़ी संख्या में मौजूद थे।