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चाईबासा में मनाया गया विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस, मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता जरूरी : डॉ. सुशांतो मांझी

 

चाईबासा: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर बुधवार को सदर अस्पताल, पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा स्थित सिविल सर्जन सभागार में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो कुमार मांझी ने की।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए डॉ. मांझी ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को भी शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही महत्व देना चाहिए। जब भी किसी को मानसिक तनाव या विकार महसूस हो, तो उसे किसी अपने से खुलकर बात करनी चाहिए। संवाद से समस्याओं का समाधान संभव है।

एसीएमओ डॉ. भारती मिंज ने कहा कि योग और प्राणायाम मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक हैं। साथ ही समस्याओं को साझा करने से मन हल्का होता है और समाधान की राह निकलती है।

DRCHO डॉ. मीनू कुमारी ने मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों के प्रति सकारात्मक सोच और सहानुभूति भरे व्यवहार पर बल दिया। वहीं, एनसीडी नोडल पदाधिकारी डॉ. पौलीना मुंडू ने कहा कि मानसिक समस्या भी एक बीमारी है, और इसके लिए मनोचिकित्सक से समय पर परामर्श लेना जरूरी है, जैसे हम शारीरिक रोगों के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित मनोचिकित्सक डॉ. भाग्यश्री कर ने आत्महत्या की रोकथाम के लिए जन-जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि आज की डिजिटल दुनिया में रिश्तों को सहज और संवादपूर्ण बनाकर तनाव से बचा जा सकता है। जरूरत पड़ने पर मनोचिकित्सक की सहायता लेना बिल्कुल भी संकोच का विषय नहीं होना चाहिए।

 

कार्यक्रम के बाद आत्महत्या रोकथाम हेतु जन-जागरूकता रैली भी निकाली गई। साथ ही यह जानकारी दी गई कि विश्व आत्महत्या रोकथाम पखवाड़ा 10 से 16 सितंबर तक पूरे जिले में मनाया जाएगा।

इस मौके पर DPM, DPC, DPA, DPMU कोऑर्डिनेटर, NCD एफएलसी, महामारीविद, सोशल वर्कर (टोबैको कंट्रोल प्रोग्राम) एवं ANM उपस्थित रहीं।

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