कुदासिंग गाँव में उद्यान महाविद्यालय खूंटपानी द्वारा मशरूम उत्पादन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित
चाईबासा: उद्यान महाविद्यालय, खूंटपानी के विद्यार्थियों द्वारा पश्चिमी सिंहभूम जिले के कुदासिंग गाँव में एक दिवसीय ऑयस्टर (ढ़ींगरी) मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का नेतृत्व महाविद्यालय के सह-अधिष्ठाता डॉ. अरुण कुमार सिंह ने किया।
डॉ. सिंह ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि मशरूम उत्पादन न केवल आजीविका और आय सृजन का प्रभावी साधन है, बल्कि प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के माध्यम से इसे स्वरोज़गार और उद्यमिता का रूप भी दिया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को गांवों में इस तरह के विस्तार कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगभग 70 ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं की भागीदारी, उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. सुदिप्ता प्रधान के नेतृत्व में हुआ, जबकि विद्यार्थियों की ओर से त्रिशना महतो ने समन्वय की भूमिका निभाई। छात्रों ने इच्छुक किसानों को व्यावहारिक प्रदर्शन के माध्यम से मशरूम उत्पादन की तकनीकी जानकारी दी।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ग्राम पंचायत कृष्णापुर की मुखिया रश्मि सोये ने कहा कि इस तरह की गतिविधियाँ दूरस्थ क्षेत्रों में रोजगार सृजन, आय वृद्धि और पलायन रोकने के लिए प्रभावी माध्यम बन सकती हैं। उन्होंने महाविद्यालय के इस प्रयास की सराहना करते हुए भविष्य में किसानों को हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
प्रशिक्षण के दौरान महाविद्यालय की ओर से 15 किसानों को तैयार फ्रूटिंग मशरूम बैग्स वितरित किए गए, ताकि वे तुरंत उत्पादन शुरू कर सकें और प्रायोगिक अनुभव प्राप्त कर सकें।
कार्यक्रम की संकल्पना डॉ. अविनाश कुमार (वैज्ञानिक, कृषि प्रसार शिक्षा) द्वारा की गई थी, जबकि डॉ. शेखर कुमार साहू ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।