बुलबुल निवासी तथा माओवादी एवं जेजेएमपी का हार्डकोर नक्सली कालेश्वर खेरवार ब्राह्मणडीहा लोहरदगा से गिरफ्तार

लोहरदगा : मुख्यमंत्री, झारखंड सरकार एवं पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर जिले में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी किस्को वेदांत शंकर ने बुधवार शाम पुलिस कार्यालय में प्रेस वार्ता आयोजित कर बड़ी सफलता की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 26 जून 2025 को पुलिस अधीक्षक लोहरदगा एवं 32वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल लातेहार के निर्देश पर किस्को एसडीपीओ के नेतृत्व में जेएमएमपी उग्रवादियों के विरुद्ध अभियान चलाया गया था। इस दौरान पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, लेकिन पुलिस बल को भारी पड़ता देख उग्रवादी जंगल का फायदा उठाकर भाग निकले।
घटनास्थल की तलाशी में उग्रवादियों के दस्ते के मौजूद रहने की पुष्टि हुई। सर्च ऑपरेशन में एक एसएलआर मैगजीन, 7.62 एमएम की 51 जिंदा गोलियां, दो खोखा, एक इंसास खोखा, 5 एंड्रायड मोबाइल, 3 कीपैड मोबाइल, एक वॉकी-टॉकी, पावर बैंक, नगद ₹3100 और अन्य सामान बरामद हुए। एसडीपीओ ने बताया कि 9 सितंबर 2025 को सूचना मिली थी कि पेशरार थाना कांड संख्या 04/25 (दिनांक 27.06.2025) में वांछित जेएमएमपी उग्रवादी कलेश्वर खेरवार (पिता- राजदेव खेरवार, सा० बुलबुलु, थाना पेशरार, जिला लोहरदगा) अपने घर लौटा है।
कलेश्वर पहले भाकपा (माओवादी) संगठन के दस्ते में सक्रिय था और वर्ष 2017 में आत्मसमर्पण कर चुका था। सूचना पर एसपी लोहरदगा ने 32वीं वाहिनी एसएसबी लातेहार के सहयोग से छापेमारी दल का गठन किया। छापामारी में ब्रह्मंडीहा गांव से कुख्यात नक्सली कलेश्वर खेरवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार नक्सली के पास से एक ब्लू रंग का Realme Narzo स्मार्टफोन (बिना सिम), एक काला पिट्ठू बैग जिसमें चार सिम कार्ड, एक छोटा डायरी तथा जेएमएमपी संगठन की पर्ची बरामद हुई।
गिरफ्तार उग्रवादी को पेशरार थाना कांड संख्या 04/25 में भा.दं.सं. की विभिन्न धाराओं, CLA एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत बुधवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। एसडीपीओ ने कहा कि कलेश्वर से अन्य फरार उग्रवादियों की जानकारी मिली है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए अभियान तेज कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में ब्यूरो चीफ किशोर कुमार वर्मा द्वारा पूछा गया प्रश्न की नक्सली को पुलिस बल बहुत मेहनत और अपनी जान जोखिम में डाल कर पकड़ती है लेकिन क्या कारण है की इन्हे सजा नहीं दिला पाती है और बहुत सारे नक्सली बाद में कोर्ट से साक्ष्य के आभाव में बरी हो जाते है इस पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी किस्को वेदांत शंकर ने बताया की जिस समय और स्थान पर हमलोग नक्सलियों को गिरफ्तार करते है उस स्थान पर स्वतंत्र गवाह नहीं मिलने के कारण ही केस से बरी हो जाते है लेकिन हमलोग का प्रयास हमेशा रहता है की नक्सली मुख्यधारा में लौटे उनके लिए पुनरावास आर्थिक लाभ और घर मकान देने की व्यवस्था सरकार द्वारा नक्सली सरेंडर पॉलिसी के तहत किया जाता रहा है इन्हे ओपन जेल में अपने घर की तरह रखा जाता है ताकि इनमे समाज के प्रति अच्छे भाव संस्कार आये साथ ही दुर्भावना या बदले की भावना की नीति का त्याग करें यही पुलिस और सरकार का लक्ष्य भी होता है ताकि नक्सली के कारण गाँव और दुर्गम स्थल के लोगों का विकास अवरुद्ध होता है | उन्होंने आह्वान किया की जो बचे नक्सली है सरकार की सरेंडर पॉलिसी का लाभ उठाये अन्यथा पुलिस की गोली खाने को तैयार रहें | छापामारी दल में वेदांत शंकर(एसडीपिओ किस्को ), मनीष कुमार पुलिस निरीक्षक (32वीं एस एस बी ),मनोज कुमार थानेदार कुडू, दिनेश कुमार थानेदार बगड़ू, वीरेन्द कुमार थानेदार पेसरार, हर्षवर्धन कुमार थानेदार जोबाँग, किशोर कुमार दास (तकनिकी शाखा ), नीरज कुमार मिश्र (तकनिकी शाखा ), विपिन हजाम, निर्मल मार्शल मिंज, बुधराम सिंह मुंडा, अजय महतो, पीटर मिंज, वैभव नारायण मिर्धा, नैमान बारला एवं सैट 75बगड़ू थाना एवं 32वीं सशत्र सीमा सुरक्षा बल की कंपनी किस्को का सहयोग रहा |