जिउतिया व्रत 2025 : संतान की लंबी आयु और रक्षा के लिए माताएं रखेंगी निर्जला उपवास

जमशेदपुर। संतान की लंबी आयु और उत्तम स्वास्थ्य की कामना के लिए किया जाने वाला जिउतिया व्रत इस वर्ष 14 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा। अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह व्रत माताएं पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ करती हैं। इसकी शुरुआत 13 सितंबर को नहाय-खाय से होगी, 14 सितंबर को माताएं निर्जला उपवास रखते हुए व्रत करेंगी और 15 सितंबर को प्रातः सूर्य उदय के बाद पारण किया जाएगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत उन माताओं के लिए संकल्प का प्रतीक है जो अपने बच्चों की लंबी आयु की कामना करती हैं। लोकविश्वास है कि यदि किसी बच्चे की अकाल मृत्यु टल जाती है तो यह माना जाता है कि उसकी मां ने उसके लिए जिउतिया व्रत किया होगा। इस व्रत में माताएं निर्जला उपवास कर भगवान जिमूत वाहन की पूजा करती हैं और उनकी कथा सुनती हैं। कथा के अनुसार, जिमूत वाहन ने गरुड़ भगवान से नागों की रक्षा की थी और जीवनदाता के रूप में पूजित हुए।
व्रत के दौरान माताएं सोने या चांदी का संतान स्वरूप लॉकेट धारण करती हैं। यह लॉकेट संतान की संख्या का प्रतीक होता है। पूजन के उपरांत इसे बच्चों को पहनाया जाता है और फिर माताएं भी धारण करती हैं। व्रत के साथ-साथ माताएं अपने पितरों को प्रसाद अर्पित करती हैं और उनसे भी संतान की रक्षा और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करती हैं।
शुक्रवार को ज्योतिषाचार्य आनंद शर्मा, जो रांची विश्वविद्यालय से एम.ए. ज्योतिष में उपाधि प्राप्त हैं, बताते हैं कि जिउतिया व्रत मातृत्व और संतान के बीच के गहरे संबंध को दर्शाता है। यह न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि पारिवारिक एकता और सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है। इस व्रत के अवसर पर हर घर से “भगवान जिमूत वाहन की जय” के स्वर गूंजते हैं और महिलाएं संतान सुख एवं परिवार की समृद्धि के लिए संकल्पित होती हैं।