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जाति प्रमाण पत्र की मांग को लेकर जमशेदपुर में अनुसूचित जाति समन्वय समिति का मार्च

 

जमशेदपुर : अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग को लेकर शुक्रवार को जमशेदपुर अनुसूचित जाति समन्वय समिति की ओर से जोरदार मार्च निकाला गया। साकची आमबगान से शुरू हुआ यह मार्च पद्मश्री मुकुंद नायक के नेतृत्व में उपायुक्त कार्यालय पहुंचा। इस दौरान समिति के पदाधिकारियों और सैकड़ों की संख्या में उपस्थित महिला-पुरुषों ने जाति प्रमाण पत्र बनाने में आ रही परेशानियों से उपायुक्त को अवगत कराया और उत्तराखंड उच्च न्यायालय तथा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ग्वालियर बेंच के आदेशों का हवाला देते हुए शीघ्र समाधान की मांग की।

समिति की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि धोबी, घासी, पासी, दुसाध, डोम, बाउरी, तुरी, चमार, भुइयां सहित अनुसूचित जाति की 22 उपजातियों के छात्र-छात्राओं व युवाओं को जाति प्रमाण पत्र के अभाव में शिक्षा, नौकरी और योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। समिति ने बताया कि 10 अगस्त 1950 से पूर्व निवास प्रमाण की शर्त औद्योगिक नगरी जमशेदपुर के दलित समाज के लिए अन्यायपूर्ण है, क्योंकि अधिकांश लोग टाटा कंपनी, रेलवे और सरकार की जमीनों पर बसे हैं और उनके पास उस समय के कोई कागजात नहीं हैं।

नेताओं ने ज्ञापन सौंपते हुए सामाजिक न्याय मंत्रालय के हालिया पत्र का हवाला दिया और उपायुक्त से अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र शीघ्र जारी करने की मांग की। इस अवसर पर पद्मश्री मुकुंद नायक के साथ समिति के पदाधिकारी रामकृष्ण पासवान, लक्ष्मीचरण घासी, अनीता चमार, राकेश तुरी, सुनील दुसाध सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। समिति ने चेतावनी दी कि मांग पूरी नहीं होने पर जमशेदपुर से रांची तक आंदोलन चलाया जाएगा।

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