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बड़ाजामदा के आवासीय क्षेत्रों में हल्की वर्षा के बाद जल जमाव की स्थिति, लोग परेशान ——————— पानी निकासी की व्यवस्था के अभाव अधिक वर्षा होने पर बडा़जामदा में बाढ़ आ जाती है—शंभू पासवान

 

गुवा। पश्चिमी सिंहभूम जिला स्थित बडा़जामदा बाजार, थाना, बोर्डर, फुटबॉल मैदान, टंकीसाई, भठ्ठीसाई समेत तमाम क्षेत्र, स्टेशन रोड आदि तमाम आवासीय क्षेत्र की सड़कें हल्की वर्षा होने के बाद तालाब व दलदल में तब्दिल हो जाती है। ऐसी स्थिति में यहाँ के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हो जाते हैं। बडा़जामदा में जल जमाव की समस्या दशकों वर्षों पुरानी है। इस समस्या का स्थायी समाधान नही हो सका है। उक्त तथ्यों को
पूर्व जिला परिषद सदस्य नोवामुंडी भाग सह अध्यक्ष भाजपा जिला अनुसूचित जाति मोर्चा के शंभू हाजरा उर्फ़ शंभू पासवान ने बताते हुए कहा कि बडा़जामदा को लौहांचल का औद्योगिक नगरी भी कहा जाता है। पांच वर्ष पूर्व तक बडा़जामदा क्षेत्र में 200 से अधिक लौह अयस्क क्रेशर, दर्जनों वैद्य-अवैध खदानें संचालित थी। बडा़जामदा रेलवे साइडिंग से लेकर सड़क मार्ग से प्रतिदिन हजारों टन लौह अयस्क भेजा जाता था। सभी बडी कंपनियों के कार्यालय यहाँ स्थित था।

इसके बावजूद यहाँ की सड़कें, गलियां, नाली, पानी निकासी की व्यवस्था आदि किसी प्रकार का कोई विकास नहीं हुआ। स्कूली बच्चों व लोगों को अपने घर से बाहर निकल अन्यत्र पैदल या वाहन से जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। थोडी़ देर में हीं कपड़ा व शरीर लाल रंग में रंग जाता है। अगर वर्षा नहीं हुआ तो वाहनों के परिचालन से उड़ने वाला धूलकण लोगों को जीने नहीं देता। दुकान में रखे समान गंदा हो जाता है जिसे ग्राहक खरीदने से इन्कार करने लगते हैं।
बड़ाजामदा के शंभू पासवान के अनुसार शांति समिति की बैठक में हर बार यह मामला उठता है। पूर्व एसडीओ ने कहा था कि यहाँ नाली व बेहतर ड्रेनेज सिस्टम बनाकर जल जमाव को खत्म कर दिया जायेगा। लेकिन आज तक नाली अथवा पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं हुआ। अधिक वर्षा होने पर बडा़जामदा में बाढ़ आ जाता है, क्योंकि पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है।

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