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जमशेदपुर में धनतेरस की रौनक: बाजारों में उमड़ी भीड़, कुम्हार समाज को भी बेहतर बिक्री की उम्मीद

न्यूज़ लहर संवाददाता

जमशेदपुर : जमशेदपुर में धनतेरस का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज शनिवार से पांच दिवसीय दीपावली पर्व की शुरुआत हो गई है। 18 अक्टूबर को धन त्रयोदशी, 19 को नरक चतुर्दशी, 20 को दीपावली, 21 को गोवर्धन पूजा और 22 अक्टूबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। धनतेरस के मौके पर झारखंड के शहरों से लेकर कस्बों तक बाजार जगमगा उठे हैं।

हिंदू मान्यता के अनुसार, धनतेरस के दिन खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसी कारण बाजारों में सोना-चांदी, ज्वेलरी, बर्तन, झाड़ू, टीवी, फ्रीज, वाशिंग मशीन, फर्नीचर और सजावटी सामानों की खरीदारी जोर-शोर से चल रही है। दुकानदारों ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए भारी छूट और उपहार योजनाओं की घोषणा की है।

व्यापारियों का कहना है कि दुर्गा पूजा के बाद से बाजार में रौनक लौटी है और इस बार धनतेरस का कारोबार काफी अच्छा रहने की उम्मीद है। वहीं, झारखंड के कुम्हार समाज में भी खुशी की लहर है। दीपावली पर मिट्टी के दीयों की खास मांग रहती है, और इस बार खूंटी, तोरपा, लोहरदगा व गुमला जैसे इलाकों के कुम्हारों ने आकर्षक दीये, मिट्टी के बर्तन और पारंपरिक खिलौने तैयार किए हैं।

तोरपा के कारीगर रामधन महतो ने कहा कि अगर लोग बड़ी दुकानों के बजाय स्थानीय कारीगरों से खरीदारी करें तो गांवों में भी दिवाली की खुशियां पहुंचेंगी। उन्होंने बताया कि “हम दूसरों के घर रोशन करते हैं, लेकिन हमारा समाज अब भी आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है।”

धनतेरस 2025 की तिथि और मुहूर्त

धनतेरस की तिथि प्रारंभ: शनिवार, 18 अक्टूबर 2025, दोपहर 12:19 बजे
तिथि समाप्त: रविवार, 19 अक्टूबर 2025, दोपहर 1:51 बजे
धनतेरस की पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय शनिवार की संध्या का है, जब प्रदोष काल और स्थिर लग्न का संयोग बनता है।

विशेष ग्रहयोग

ज्योतिषाचार्य सचिन कुमार दुबे के अनुसार, इस धनतेरस पर चंद्र, शुक्र और सूर्य का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो धन, सुख और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी रहेगा। चंद्र मन का, शुक्र वैभव का और सूर्य आत्मबल व स्वास्थ्य का प्रतीक हैं। इनका समन्वय इस दिन को समृद्धि का शुभ अवसर बनाता है।

धनतेरस का महत्व

धनतेरस को धन त्रयोदशी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन सोना-चांदी, बर्तन, धातु और औषधीय वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है।

धनतेरस पर क्या खरीदें

* सोना-चांदी और ज्वेलरी
* तांबा, पीतल और स्टील के बर्तन
* झाड़ू (दरिद्रता दूर करने का प्रतीक)
* लक्ष्मी-गणेश की धातु प्रतिमा
* भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा
* मिट्टी के दीये और सजावटी वस्तुएं

झारखंड में इस बार धनतेरस का बाजार पूरी तरह सज चुका है और लोगों में उत्साह चरम पर है।

 

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