Regional

गुवा में खरना पूजा में लोगों में दिखा उत्साह

News Lahar Reporter

गुवा

छठ पर्व के दूसरे दिन खरना पूजा का विधान है । उक्त जानकारी छठ पर्व में शामिल महिलाओं नें ही। उन्होंने कहा कि उसके बाद अगले दो दिन अलग-अलग समय पर सूर्य देवता को अर्घ्य देने की परंपरा निभाई जाएगी । छठ पर्व में खरना का दिन अत्यंत विशेष माना जाता है, क्योंकि इसी दिन से 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत होती है । मौके पर शामिल समाज सेविका संगीता पाण्डेय ने कहा कि कुछ कथाओं के अनुसार, छठी मईया को सूर्य देव की बहू भी माना जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने सूर्य देव के पुत्र कर्ण से विवाह किया था। उन्होंने बताया कि
भक्त, आमतौर पर महिलाएँ, सूर्योदय से पहले जलाशयों, चाहे वे नदी हों या तालाब, पर एकत्रित होती हैं। कमर तक पानी में खड़े होकर, वे उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करती हैं। लोग रात में छठ व्रत कथा सुनते हैं और भक्ति गीत गाते हैं। सच्चाई यह है कि नेपाली, मैथिली और भोजपुरी भाषाओं में “छठ” शब्द का अर्थ छठा होता है। यह त्यौहार हिंदू चंद्र-सौर विक्रम संवत कैलेंडर के कार्तिकेय माह के छठे दिन मनाया जाता है और इसीलिए इसका नाम छठ पूजा है। इस अवसर पर सबों ने छठ ब्रत कर रही रिंकी पाण्डेय एवं उषा पाण्डेय सें आर्थीर्वाद ले मंगल जीवन की कामना की। विधिवत सिन्दूर लगा आर्शीर्वाद दी गई ।मौके पर विवेक पाण्डेय अभिषेक पाण्डेय, कविता वाजपेयी, सिद्धार्थ पाण्डेय ,रंजीत गोप ,मान्या वाजपेयी तन्या वाजपेयी, आलोक मिश्रा आनन्द मिश्रा व अन्य की उपस्थिति घंटों बनी रही।

Related Posts