सारंडा का लाइफलाइन पुल दो साल से अधूरा, भारत आदिवासी पार्टी ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
News Lahar Reporter
गुवा
भारत आदिवासी पार्टी पश्चिम सिंहभूम के जिलाध्यक्ष सुशील बारला ने सारंडा क्षेत्र के एकदिवसीय दौरे के बाद पुल निर्माण कार्यों में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि प्रखंड मनोहरपुर के पंचायत दीधा, राजस्व ग्राम दिकूपोंगा और उसरूईया के बीच वित्तीय वर्ष 2022-2023 में ग्रामीण विकास विभाग (ग्रामीण कार्य मामले), कार्य प्रमंडल चक्रधरपुर द्वारा एक महत्वपूर्ण पुल निर्माण परियोजना आरंभ की गई थी। इस परियोजना का पैकेज संख्या JH-LWE-BR।।-WSM-01-(JH-22-VIS-Br-01) है और यह ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। पुल का निर्माण सारंडा वासियों के लिए एक राहत की उम्मीद था, लेकिन संवेदक की मनमानी और विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण इसका कार्य पिछले एक वर्ष से ठप पड़ा हुआ है। श्री बारला ने बताया कि निर्माण कार्य में प्राक्कलन की अनदेखी की गई है और कार्य में मानक दर्जे की सामग्री का उपयोग नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि 15 जुलाई 2023 को निवर्तमान सांसद ने स्थल निरीक्षण के दौरान निर्माण में गड़बड़ी पाए जाने पर कार्य रुकवा दिया था। बारला ने सरकार से मांग की है कि दो वर्ष से अधूरे पड़े इस पुल निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए, ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके और सारंडा के लोगों को शीघ्र ही इस लाइफलाइन पुल का लाभ मिल सके।















