सारंडा में खनन रोकने के लिए 16 नवंबर को आर्थिक नाकेबंदी, “कोल्हान – पोड़ाहाट, सारंडा बचाओ समिति” का गठन
News Lahar Reporter
गुवा
झारखंड के सारंडा वन क्षेत्र में खनिज लूट और आदिवासी हितों की अनदेखी के विरोध में आगामी 16 नवंबर 2025 को आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा की गई है। यह घोषणा झारखंड आंदोलनकारी बुधराम लागुरी ने सारंडा के छोटानगारा स्थित जमकुंडिया, नया बाजार में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए की है। इस दौरान रेल और सड़क मार्ग पूरी तरह ठप कर दिए जाएंगे और कोल्हान-पोड़ाहाट और सारंडा से एक भी ढेला खनिज बाहर नहीं जाने दिया जाएगा।लागुरी देवगम ने कहा, झारखंड में संविधान की 5 वीं अनुसूची का पालन मजबूती से किया जाना आवश्यक है, लेकिन अनुसूचित क्षेत्रों में आईपीसी और सीआरपीसी की धाराओं का दुरुपयोग कर आदिवासियों के अधिकारों को कुचला जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि सारंडा को सेंचुरी घोषित करने की जल्दबाजी जनजातीय हितों के खिलाफ है और बिना जनजातीय सलाहकार परिषद की सलाह या राज्यपाल व राष्ट्रपति के प्रतिवेदन के ऐसा कोई फैसला स्वीकार्य नहीं है।सभा में सर्वसम्मति से “कोल्हान – पोड़ाहाट, सारंडा बचाओ समिति” नामक संगठन के गठन की घोषणा की गई। समिति के पदों के लिए नामों का चयन किया गया:
जिसमें अध्यक्ष: लागुरा देवगम,उपाध्यक्ष अमर सिंह सिद्धू, बिरसा मुंडा एवं बामिया माझी,महासचिव बुधराम लागुरी,सचिव कुसु देवगम को बनाया गया है।
बाकी पदाधिकारियों का चयन अगले बैठक में किया जाएगा। सभा के दौरान मानकी लागोड़ा देवगम, तुराम बिरुली, विश्वनाथ बाड़ा, मो. तबारक खान, माईकल तिरिया, कृष्णा समद, गोपाल कोड़ा सहित बड़ी संख्या में आदिवासी मूलवासी मौजूद रहे।













