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जमशेदपुर पुस्तक मेले में परेश कुमार नंदी की अंग्रेज़ी पुस्तक “दा लास्ट फाइट फॉर फ्रीडम, ए अनफॉरगेटेबल जर्नी मणिपुर” का लोकार्पण

News Lahar Reporter

 

जमशेदपुर। रविन्द्र भवन में आयोजित “जमशेदपुर पुस्तक मेला” में लेखक परेश कुमार नंदी की अंग्रेज़ी भाषा में लिखी महत्वपूर्ण पुस्तक “दा लास्ट फाइट फॉर फ्रीडम, ए अनफॉरगेटेबल जर्नी मणिपुर” का भव्य लोकार्पण किया गया। पुस्तक का अनावरण संयोजक आशीष चौधरी, प्रसिद्ध सिनेमेटोग्राफर पार्थ भट्टाचार्य, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका संध्या प्रधान, आकाशवाणी जमशेदपुर के वरिष्ठ संचालक उत्पल दत्त तथा जमशेदपुर बंगाल क्लब के सचिव सौम्य सेन ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति रही। बाचिक कलाकार कमला मुखर्जी और मिठू मंडल ने कविता पाठ कर समारोह को और भी गरिमामय बना दिया।

अपने इस किताब में लेखक परेश कुमार नंदी ने भारत के उत्तर–पूर्व के हरे-भरे राज्य मणिपुर की अद्भुत प्रकृति, संस्कृति और सौंदर्य को अत्यंत संवेदनशील और प्रभावी भाषा में प्रस्तुत किया है। साथ ही, उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के अंतिम चरण में मणिपुरी जनता के त्याग, संघर्ष और भूली-बिसरी वीरगाथाओं को उजागर किया है—ऐसा इतिहास जो आज भी अधिकांश भारतीयों के लिए अनजान है। इतिहासकारों के अनुसार, द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मणिपुर में हुई कई लड़ाइयाँ विश्व की सबसे भीषण और निर्णायक लड़ाइयों में गिनी जाती हैं। पुस्तक में मइरांग में ब्रिटिश साम्राज्य के पतन की रोमांचक कहानी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आज़ाद हिंद फ़ौज की अदम्य वीरता और बलिदान को विशेष रूप से रेखांकित किया गया है। किताब में 1944 में आज़ाद हिंद फ़ौज के मुख्यालय के वास्तविक इतिहास, आई.एन.ए. वॉर म्यूज़ियम के गठन के पीछे छुपे सत्य तथा अनेक अनकही घटनाओं को शोधपूर्ण और प्रभावशाली लेखन के माध्यम से उजागर किया गया है। लंबे समय तक अंधेरे में दबे रहे कई ऐतिहासिक अध्याय इस पुस्तक के माध्यम से नए प्रकाश में सामने आते हैं। जमशेदपुर पुस्तक मेले में लोकार्पित यह पुस्तक पाठकों को स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण लेकिन उपेक्षित इतिहास से रूबरू कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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