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हस्तरेखा से आपके हाथ मे बने अति शुभ योग :ज्योतिष

आनंद शर्मा

ज्योतिष वास्तु हस्तरेखा विशेषज्ञ

9835702489

हस्तरेखा विशेषज्ञ आनंद शर्मा जी के अनुसार प्रत्येक इंसान की हस्तरेखा अलग होती हैँ आज भी आधार कार्ड वेरिफिकेशन के लिए अंगूठा का प्रिंट से वारीफाई होता हैँ हस्ताक्षर की नक़ल एक बार हो भी सकती हैँ किंतु
हस्तरेखा की नहीं
पुराने समय मे भी जब लोग लिखना पढ़ना नहीं जानते थे तब भी अंगूठा लगाने का ही प्रचलन था

हथेली पर बने रेखाएं संकेत देते हैँ आपके भाग्य भविष्य के बारे मे
. जिनकी हथेली में होता है इन 5 में से कोई भी शुभ योग, वह किस्मत वाला होता है !

हस्त रेखा में ग्रहों के पर्वत, उनके उभार, विभिन्न रेखाओं पर मौजूद त्रिकोण, क्रॉस, बिंदु, चतुर्भुज, नक्षत्र या अन्य चिह्न देखकर भविष्य कथन किया जाता है !

मनुष्य आमतौर पर जीवन में तरक्की, धन की स्थिति, नौकरी में प्रमोशन, विवाह, संतान सुख, स्वास्थ्य जैसी बातें सहज जिज्ञासावश पूछता रहता है ! हाथ देखकर इन सब बातों का भी सटीक समय बताना सम्भव है ! किस योग का क्या अर्थ है और उनका फल कब तक मिलेगा यह हस्तरेखा और उन पर मौजूद चिह्न देखकर बताया जा सकता है…!

1. #गजलक्ष्मी_योग :

यदि दोनों हाथों में भाग्य रेखा मणिबंध से प्रारम्भ होकर सीधी शनि पर्वत पर जाती हो तथा सूर्य पर्वत पूर्ण विकसित, लालिमा लिए हुए हो और उस पर सूर्य रेखा भी बिना कटी-फटी, पतली और स्पष्ट हो, इनके साथ मस्तिष्क रेखा, हृदय रेखा तथा आयु रेखा भी स्पष्ट हो तब इसे गजलक्ष्मी योग कहा जाता है ! जिस व्यक्ति के हाथ में यह योग होता है वह साधारण परिवार में जन्म लेकर भी अपने शुभ कर्मों से उच्च स्तरीय जीवनयापन करता है ! उसके जीवन में मान-सम्मान की कोई कमी नहीं होती और वह समस्त ऐश्यर्व, सुख भोगता है ! ऐसे व्यक्ति समुद्र पार व्यापार करते हैं और यदि नौकरीपेशा है तब उच्च पदों पर आसानी से पहुंच जाते हैं ! जीवन में कोई अभाव नहीं रहता और सुंदर जीवनसाथी का साथ मिलता है !

2. #शुभकर्तरी_योग
यदि हथेली के बीच का हिस्सा दबा हुआ गहरा हो ! सूर्य और गुरु पर्वत पुष्ट, मजबूत और उभरे हुए हों, भाग्य रेखा शनि पर्वत के मूल को छूती हो तब हाथ में शुभकर्तरी योग बनता है ! जिस व्यक्ति के हाथ में यह योग होता है वह तेजस्वी और चुम्बकीय व्यक्तित्व का धनी होता है ! उसके आसपास ऐश्वर्य और भौतिक सुध-सुविधाएं स्वयं चले आते हैं ! एक से अधिक साधनों से आय प्राप्त करता है तथा अपने पूर्वजों से मिली सम्पत्ति में वृद्धि करने वाला होता है ! शारीरिक दृष्टि से ऐसा व्यक्ति आकर्षक होता है ! विपरीत लिंगी व्यक्तियों की इनके जीवन में कोई कमी नहीं होती है ! कहीं-कहीं ऐसा व्यक्ति घमण्डी होते भी देखा गया है !

3. #भाग्य_योग
हस्तरेखा सिद्धांत के अनुसार जो रेखा मणिबंध से निकलकर शनि पर्वत तक जाती है वही भाग्य रेखा कहलाती है, लेकिन भाग्य योग का निर्माण तब होता है जब कोई पुष्ट, पतली और लालिमा लिए हुए भाग्य रेखा शनि पर्वत से चलकर गुरु पर्वत के नीचे समाप्त होती है ! जहां रेखा समाप्त होती है वहां एक सफेद बिंदु हो तब भाग्य योग का निर्माण होता है ! प्रसिद्ध हस्तरेखा कीरो ने भाग्य योग की कुछ अन्य स्थितियां भी बताई हैं ! जिनके अनुसार पुष्ट भाग्य रेखा सूर्य पर्वत पर पहुंचती हो ! भाग्य रेखा गुरु पर्वत से प्रारम्भ होती हो ! दोनों हाथों में स्पष्ट और लम्बी भाग्य रेखाएं हों ! भाग्य रेखा चंद्र पर्वत से प्रारम्भ होती हो तब भाग्य योग बनता है ! जिनके हाथ में यह योग होता है वह व्यक्ति अपार धन अर्जित करता है ! उसकी ख्याति चारों ओर फैलती है, अनेक भवन और वाहन का स्वामी होता है ! पत्नी के सहयोग से जीवन में शिखर पर पहुंचता है !

4. #हंस_योग
यदि तर्जनी अंगुली अनामिका से लंबी हो, गुरु पर्वत पूर्ण विकसित तथा लालिमा लिए हुए हो, उस पर क्रॉस के चिह्न के अलावा और अन्य कोई चिह्न न हो तब उसके जीवन में हंस योग का निर्माण होता है ! जिसके हाथ में ऐसा संयोग देखा जाता है वह व्यक्ति लम्बे डीलडौल वाला आकर्षक, सुंदर शरीर का मालिक होता है ! ऐस योग वाली स्त्रियों के आकर्षण प्रभाव से प्रत्येक व्यक्ति मोहित रहता है ! अभिनेता-अभिनेत्री, चित्रकार, लेखक, मॉडल आदि के हाथों में इसी तरह का योग देखा गया है ! इस योग वाला व्यक्ति मधुरभाषी और सभी के साथ श्रेष्ठ व्यवहार करने वाला होता है ! यह योग गुरु के प्रभाव से बनता है और यह पंचमहापुरुष योग में से एक योग होता है ! इसलिए ऐसा व्यक्ति सफल न्यायाधीश भी हो सकता है !

5. #बुधादित्य_योग
जिस तरह जन्म कुण्डली में सूर्य और बुध मिलकर बुधादित्य योग बनाते हैं उसी तरह हस्तरेखा में भी सूर्य और बुध की शुभ युति से बुधादित्य योग का निर्माण होता है ! हथेली में बुध और सूर्य पर्वत पास-पास होते हैं ! यदि यह दोनों पर्वत एक-दूसरे से जुड़ जाएं, इनके बीच में कोई गैप न रहे और देखने में एक ही प्रतीत हों ! साथ ही बुध और सूर्य रेखाओं कोई रेखा न काटती हो तो बुधादित्य योग बनता है ! जिन लोगों के हाथ में ऐसा योग देखा जाता है वह कुशल वक्ता, चतुर, बुद्धिमान और परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को ढालने वाले होते हैं ! अपने तर्कों से बड़े-बड़ों को परास्त कर देते हैं ! एक तरह से बिना हथियार के वह समस्त युद्धों में विजयी होते हैं ! आर्थिक तरक्की के सारे मार्ग इनके लिए सदा खुले रहते हैं !

अगर आपके हाथ मे भी ऐसे योग हैँ तो आप भाग्यशाली हैँ

 

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