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सुण वडपागिया हर अमृत बाणी राम, जिन कउ करम लिखी तिस रिदै समाणी राम … गुरु ग्रंथ साहिब प्रकाश पर्व पर नवीनीकृत साकची गुरुद्वारा संगत के सहयोग से संगत की सेवा में समर्पित: निशान सिंह भगवान सिंह, शैलेन्द्र सिंह और गुरविंदर शेट्ठी कीर्तन दिवान में हुए शामिल, किये गए सम्मानित

 

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाशोत्सव समागम मौके पर साकची गुरद्वारा का नवीनीकृत दरबार साहिब ‘सुण वडपागिया हर अमृत बाणी राम’ शब्द गायन के साथ संगत की सेवा में समर्पित किया गया। शनिवार को समागम के दूसरे और अंतिम दिन भी बड़ी संख्या में सिख संगत का गुर दर्शन को साकची गुरुद्वारा में हाजिर रही।


संगत को सम्बोधित करते हुए प्रधान निशान सिंह ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश पर्व के पावन मौके पर साकची गुरुद्वारा साहिब का दरबार हॉल संगत की सेवा में समर्पित करने का यह भाग्यशाली क्षण केवल और केवल संगत के सहयोग से ही संभव हो पाया है। इस अवसर पर सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह चेयरमैन शैलेंदर सिंह, रेलवे बोर्ड के सदस्य गुरविंदर सिंह शेट्ठी ने भी प्रकाशपर्व में शामिल होकर अपने विचार संगत के बीच रखे।
कीर्तन दिवान के दूसरे दिन एक बार फिर दरबार साहिब, अमृतसर से आये महान रागी संदीप सिंह भक्तिरस से लबरेज शब्द-कीर्तन गायन किया। उन्होंने ‘सुण वडपागिया हर अमृत बाणी राम, जिन कउ करम लिखी तिस रिदै समाणी राम’, ‘भूलि मालणी है इउ, सतगुर जागता है देउ’ के अलावा भी अन्य गुरबाणी अनुसार शब्द पढ़कर कर संगत को भक्ति रस से सराबोर कर दिया।
साकची गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी ने समाज में उल्लेखनीय कार्य करने वाले शख्सियतों सम्मान किया। इस अवसर पर भगवान सिंह, शैलेन्द्र सिंह, गुरचरण सिंह बिल्ला और गुरविंदर सिंह शेट्ठी को भी सम्मानित किया गया। इस पावन मौके पर सिख समाज के और भी कई गणमान्य शख्सियतों ने हाजरी भरी जिनमे विशेष रूप से परविंदर सिंह सोहल, डॉ राजेंद्र सिंह, डॉ स्वर्ण सिंह, सतवीर सिंह सोमू, टीटू सिंह, रविंदर सिंह रिंकू समेत अन्य गुरद्वारों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे जिन्होंने नवीनीकृत साकची गुरुद्वारा साहिब के दरबार हॉल की जमकर प्रशंसा की।
ग्रंथी अमृतपाल सिंह मन्नन ने गुरु महाराज के सामने अरदास की। उपरांत सुखमणी साहिब कीर्तनी जत्था, स्त्री सत्संग सभा, भाई दिलजीत सिंह भोपाल वाले ने शब्द-कीर्तन कर संगत को निहाल किया। ढाढी जत्था भाई भूपिंदर सिंह जोगी ने भी संगत को सिख इतिहास से रु-बू-रु कराया।
इस अवसर पर संगत को पंगत बैठाकर लंगर छकाया और प्रसाद बांटा गया। मंच का संचालन में सुरजीत सिंह छीते ने किया जबकि मनमीत सिंह के नेतृत्व में नौजवान सभा के युवकों ने जोड़े घर एवं गुरु नानक स्कूल के छात्र-छात्राओं ने लंगर की सेवा बखूबी निभाई।
प्रधान निशान सिंह, ट्रस्टी सतनाम सिंह सिद्धू-जगजीत सिंह, महासचिव परमजीत सिंह काले और शमशेर सिंह सोनी, सतनाम सिंह घुम्मन, जगमिंदर सिंह, ताज सिंह, मनमोहन सिंह, सुरजीत सिंह छीते, जसबीर सिंह गाँधी, सुखविंदर सिंह निक्कू, सतबीर सिंह गोल्डू, त्रिलोचन सिंह तोची, बलबीर सिंह, अवतार सिंह, अमरपाल सिंह, जसवंत सिंह लाडी, सन्नी सिंह, अमन सिंह और नानक सिंह समेत साकची कमिटी के सभी सदस्यों ने प्रकाशपर्व के पहले दिन को सफल बनाने में सराहनीय भूमिका निभायी।

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