औद्योगिक विवादों के समाधान में राज्य की भूमिका पर महाधिवक्ता राजीव रंजन ने एक्सएलआरआइ में दिया प्रेरक व्याख्यान
जमशेदपुर।मंगलवार को एक्सएलआरआइ- जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने एमबीए-एचआरएम के छात्रों को “औद्योगिक विवादों के समाधान में राज्य की भूमिका” विषय पर संबोधित किया। यह विशिष्ट सत्र एक्सएलआरआइ दिल्ली-एनसीआर के चीफ स्ट्रैटेजी एवं एचआर प्रमुख हरभजन सिंह की पहल पर आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य श्रम कानूनों की व्यावहारिक समझ बढ़ाना था। फरवरी 2020 से झारखंड के 12वें महाधिवक्ता के रूप में कार्यरत राजीव रंजन ने छात्रों को बताया कि राज्य न केवल एक नियामक बल्कि मध्यस्थ और सुगमकर्ता की भी भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन और कार्यबल के बीच विश्वास और वफादारी औद्योगिक शांति के लिए अनिवार्य हैं।

महाधिवक्ता ने इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट की प्रमुख धाराओं और झारखंड समेत देशभर के महत्वपूर्ण मामलों का उदाहरण देते हुए छात्रों को कानूनी परिदृश्य की गहन जानकारी दी। टाटा स्टील को भारत की पहली स्वदेशी कंपनी बताते हुए उन्होंने जमशेदपुर, बोकारो और राउरकेला को देश के औद्योगिक मानचित्र पर “एक समभुज त्रिकोण” के रूप में वर्णित किया, जो झारखंड की औद्योगिक स्थिति की रणनीतिक महत्ता को दर्शाता है।
सत्र के अंतिम चरण में प्रश्नोत्तर के दौरान श्रम सुधार, विधिक अनुपालन और न्यायपालिका की भूमिका जैसे जटिल विषयों पर उन्होंने सहज, सरल और स्पष्ट उत्तर दिए। इस अवसर पर महाधिवक्ता ने कानूनी भाषा को भविष्य के मानव संसाधन पेशेवरों के लिए सरल और व्यावहारिक बना दिया। एक्सएलआरआइ के प्रोफेसर परमज्योत सिंह ने श्री रंजन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सत्र छात्रों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहा। इसके बाद उन्होंने प्रो. संजय पात्रो और डीन (प्रशासन एवं वित्त) डॉ. (फादर) डोनाल्ड डिसिल्वा से भेंट की और एक्सएलआरआइ की अकादमिक गुणवत्ता की सराहना करते हुए इसे उद्योग-तैयार पेशेवरों को गढ़ने वाली अग्रणी संस्था बताया। अंत में उन्होंने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।















