दलमा में सेंदरा पर्व शांतिपूर्ण: वन विभाग की सख्ती और जागरूकता से नहीं हुआ शिकार
न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर।इस वर्ष दलमा के जंगलों में पारंपरिक सेंदरा पर्व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। वन विभाग की सख्त निगरानी, मजबूत रणनीति और तीन माह तक चले व्यापक जनजागरूकता अभियान का असर साफ नजर आया। पूरे दिन भर चले पर्व में किसी भी वन्य प्राणी के शिकार की कोई पुष्टि नहीं हुई है।
सोमवार को दलमा वन क्षेत्र में आदिवासी समुदाय ने पारंपरिक ‘सेंदरा’ पर्व मनाया। परंपरागत रूप से यह पर्व शिकार से जुड़ा होता है, लेकिन इस बार वन विभाग की कड़ी निगरानी और जागरूकता की वजह से वन्य प्राणियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकी।

वन विभाग ने शिकार रोकने के लिए अभूतपूर्व इंतजाम किए थे। दलमा की तलहटी और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में कुल 17 चेकनाके बनाए गए, जहां 55 से अधिक वनकर्मी और 12 अधिकारी तैनात थे। पूरे क्षेत्र को पांच जोन में बाँटा गया और प्रत्येक जोन में प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति की गई।

विभाग ने स्पष्ट चेतावनी जारी की थी कि सेंदरा के दौरान किसी भी प्रकार का शिकार कानून का उल्लंघन माना जाएगा, और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पश्चिम दलमा रेंजर दिनेश चंद्रा ने बताया कि पिछले तीन महीनों से चलाए जा रहे जनजागरूकता अभियान से लोगों की सोच में बदलाव आया है। जहां पहले हजारों की संख्या में सेंदरा वीर भाग लेते थे, इस बार उनकी संख्या में भारी गिरावट देखी गई।

सेंदरा वीरों ने भी बताया कि वे केवल सांकेतिक रूप से पर्व मना रहे हैं और बिना किसी शिकार के लौट रहे हैं। पर्व के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना या अवैध गतिविधि की सूचना नहीं मिली है।















