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ड्रोन से पहाड़ियों पर पौधारोपण: झारखंड में पहली बार शुरू हुआ अभिनव प्रयोग

न्यूज़ लहर संवाददाता

जमशेदपुर।पूर्वी सिंहभूम जिला में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर झारखंड में एक नई पहल की शुरुआत हुई है। अब पहाड़ी इलाकों में ड्रोन के जरिए सीड बॉल्स गिराकर पौधारोपण किया जा रहा है। यह प्रयोग खासकर उन दुर्गम इलाकों के लिए किया जा रहा है, जहां सामान्य तौर पर पौधे लगाना कठिन होता है।
कुशपुतुल इलाके में शुक्रवार को ड्रोन से पौधारोपण का कार्य शुरू किया गया। डीएफओ सबा आलम अंसारी की मौजूदगी में इस अभिनव कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। ड्रोन से पौधा रोपण के दौरान बांस और फलदार पौधों के सीड बॉल्स गिराए गए।

डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि सीड बॉल्स दरअसल मिट्टी से बनी गेंदें होती हैं, जिनमें पौधों के बीज और खाद डाला जाता है ताकि पौधे आसानी से अंकुरित हो सकें। ड्रोन का इस्तेमाल कर पौधा रोपण करना एक आधुनिक और अत्याधुनिक तरीका है, जो उन इलाकों में उपयोगी साबित हो रहा है जहां पहाड़ी या दुर्गम रास्ते होने के कारण सीधे पौधारोपण करना संभव नहीं है।

वन विभाग ने इस मानसून सीजन में ड्रोन की मदद से 5 लाख से अधिक पौधों के बीज बोने का लक्ष्य रखा है। खासकर जंगल में विचरण करने वाले जंगली जानवरों—जैसे हाथियों—के लिए भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। डीएफओ ने बताया कि चांडिल वन क्षेत्र में हाथियों की आवाजाही अधिक रहती है। इसलिए जंगल में उनके भोजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए पहाड़ी क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए पौधारोपण किया गया।

गौरतलब है कि झारखंड में यह पहला मौका है जब ड्रोन के माध्यम से पौधारोपण का कार्य किया गया। इस पहल से न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि जंगल के जैव विविधता संतुलन को भी बनाए रखने में मदद मिलेगी।

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